Highlights
- जानिए व्रत का महत्व
- भगवान विष्णु के साथ भोले की कृपा
Putrada Ekadashi 2022: सावन का महीना भक्ति और आराधना का महीना होता है। लोग इस पूरे महीने में भगवान शिव की पूजा और आराधना करते हैं। लेकिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए भी सावन के महीने में एक खास व्रत है। यह व्रत करने से पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूरी करने की शक्ति है, इस व्रत का नाम है पुत्रदा एकादशी व्रत, जानिए इस साल यह व्रत कब है और इसका पूजा मुहूर्त कब से कब तक है।
सबसे कठिन व्रतों में से एक एकादशी
साल भर की एकादशी के व्रत कठिन होते हैं, लेकिन ऐसा माना जाता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत उनसे भी कठिन होता है। मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने वाला भक्त अपने जीवन के सारे पाप नष्ट करता है और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि हिंदू पंचाग के अनुसार एकादशी हर माह में 2 बार आती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। साल में पड़ने वालीं इन 24 एकादशियों का अपना अलग महत्व होता है। ऐसे में सावन के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी सावन की दूसरी एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
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8 अगस्त को रखा जाएगा व्रत
हिंदू पंचाग के अनुसार एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। इसलिए यह पुत्रदा एकादशी का व्रत भी भगवान विष्णु की आराधना का दिन है। ऐसी मान्यता है कि संतान सुख और पुत्र प्राप्ति की कामना पूर्ण करने के लिए यह व्रत रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा के साथ इस व्रत को करते हुए पूजा करता है उसकी संतान सुख की कामना जरूर पूरी होती है। इस साल पुत्रदा एकादशी का व्रत 8 अगस्त, सोमवार के दिन पड़ रहा है। एकादशी तिथि का प्रारंभ 7 अगस्त 2022, रविवार रात 11: 50 से शुरू हो रही है और अगले दिन 8 अगस्त को रात बजे तक एकादशी की तिथि रहेगी। बता दें कि सावन पुत्रदा एकादशी के व्रत का पारण का सही समय 9 अगस्त, मंगलवार सुबह 5 बजकर 46 मिनट से लेकर 8 बजकर 26 मिनट पर है।
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विष्णु के साथ भोले की कृपा
यह संयोग की बात है कि इस साल पुत्रदा एकादशी का व्रत सावन सोमवार के दिन पड़ रहा है। इसलिए यह पूजा सिर्फ भगवान विष्णु ही नहीं भगवान भोलेनाथ को भी प्रसन्न करने वाली होगी। इस व्रत को करने वाले भक्तों को दोनों देवों की कृपा भी प्राप्त होगी।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। India TV एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है। )