![पूर्वाभाद्रपद पंचक नक्षत्र](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
कल पौष शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और गुरुवार का दिन है। सप्तमी तिथि कल शाम 7 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। कल दोपहर पहले 11 बजकर 46 मिनट तक व्यतिपात योग रहेगा। साथ ही कल दोपहर पहले 11 बजकर 44 मिनट से शाम 7 बजकर 17 मिनट तक यायीजय योग रहेगा। कल दोपहर पहले 11 बजकर 44 मिनट तक पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रहेगा।
आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से पूर्वभाद्रपद 25वां नक्षत्र है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं, अतः पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे लोगों पर देव गुरु की कृपा बनी रहती है। बारह राशियों में से पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के पहले तीन चरण कुम्भ राशि में और आखिरी एक चरण मीन राशि में आता है, यानी कुम्भ और मीन राशियों पर और उनके जातकों पर पूर्वाभाद्रपद का विशेष रूप से प्रभाव रहता है। जिस व्यक्ति का जन्म जिस भी नक्षत्र में हुआ हो, उस व्यक्ति को उस नक्षत्र के दौरान उससे संबंधित पेड़-पौधे की पूजा अवश्य करनी चाहिए और उसे हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए। और पूर्वभाद्रपद नक्षत्र का संबंध आम के पेड़ से बताया गया है।
करें आम के पेड़ की पूजा
जिन लोगों का जन्म पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है, उन लोगों को आज के दिन आम के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और उसको प्रणाम भी करना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे लोगों को आज के दिन आम के फल का सेवन नहीं करना चाहिए। आज के दिन आपको आमया आम से बनी चीज़ों जैसे आमरस, आम्बी का पन्ना, आम का आचार या फिर आम पापड़, इन सब चीज़ों का सेवन अवॉयड करना चाहिए। हालांकि, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के अलावा बाकी लोग आज के दिन आम का उपयोग कर सकते हैं।
दयालु होते हैं ये लोग
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग दयालु और नेक दिल होने के साथ ही खुले विचारों के भी धनी होते हैं। अमूमन ये लोग शांति प्रिय होते हैं, लेकिन कभी-कभी छोटी-छोटी बात पर भी इन्हें क्रोध आ जाता है। हालांकि, जितनी जल्दी इन्हें क्रोध आता है, उतनी ही जल्दी चला भी जाता है। ये लोग साहसी होते हैं और किसी भी चीज़ के लिये जल्दी से हार नहीं मानते हैं। साथ ही इन्हें अपने आदर्शो और सिद्धांतों पर चलना पसंद होता है।
पंचक के दौरान न कराएं ये काम
पूर्वाभाद्रपद एक पंचक नक्षत्र है। धनिष्ठा से लेकर रेवती तक के पांच नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है। पंचक की क्षेणी में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र तिसरा पंचक है। इसलिए आज पंचक है। पंचक के दौरान घर में लकड़ी का कार्य या घर में वुड वर्क नहीं कराना चाहिए और ना ही लकड़ी इकट्ठी करनी चाहिए । अगर आप यह कार्य इस समय करेंगे तो यह अच्छा नहीं माना जाता। अतः 31 दिसम्बर की दोपहर पहले 11 बजकर 47 मिनट तक आपको इन सब बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा कल शाम 7 बजकर 17 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 55 मिनट तक प्रथ्वी लोक की भद्रा रहेगी।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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