Purnima 2025 Date and Significance: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन स्नान-दान करने से सभी पाप मिट जाते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा का विधान है। यूं तो हर माह में आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। तो आइए जानते हैं कि साल 2025 में पूर्णिमा कब-कब पड़ रही है। साथ ही जानेंगे अलग-अलग पूर्णिमा के महत्व के बारे में।
पौष पूर्णिमा
पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। इसे पौषी पूर्णिमा है भी कहते हैं। इस दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान, दान और सूर्यदेव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि आज के दिन पवित्र नदियों या तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से व्यक्ति का तन और मन, दोनों पवित्र हो जाते हैं और व्यक्ति के अंदर एक नई ऊर्जा का समावेश होता है। पौष पूर्णिमा के दिन विष्णु जी और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और संपन्नता बनी रहती है।
फाल्गुन पूर्णिमा
फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च दिन को पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च की सुबह 10 बजकर 37 मिनट से 14 मार्च की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। लिहाजा व्रतादि की पूर्णिमा 13 मार्च को और स्नान-दान की पूर्णिमा 14 मार्च को मनाई जाएगी।
चैत्र पूर्णिमा
इस वर्ष चैत्र महीने की पूर्णिमा 12 अप्रैल 2025 को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था। वैसे मतांतर से चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।
वैशाख पूर्णिमा
वैशाख महीने की पूर्णिमा इस वर्ष 12 मई 2025 को पड़ रही है। वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करके दान पुण्य करने से कुंभ में स्नान के समान पुण्य प्राप्त होता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा
ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा 11 जून 2025 को पड़ेगी। ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली इस पूर्णिमा को ज्येष्ठी पूर्णिमा भी कहा जाता है। यह पूर्णिमा इस वर्ष दो दिनों की पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 10 जून की दोपहर पहले 11 बजकर 37 मिनट से 11 जून की दोपहर 1 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। लिहाजा 10 जून को व्रतादि की पूर्णिमा और 11 जून को स्नानदान की पूर्णिमा मनायी जायेगी। ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को देव स्नान पूर्णिमा भी कहा जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने से समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है।
आषाढ़ पूर्णिमा
इस वर्ष आषाढ़ महीने की पूर्णिमा 10 जुलाई। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं गुरु पूर्णिमा से लेकर अगले चार महीने अध्ययन के लिए बड़े ही उपयुक्त माने जाते हैं। साधु-संत भी इस दौरान एक स्थान पर रहकर ध्यान लगाते हैं।
श्रावण पूर्णिमा
इस वर्ष श्रावण महीने की पूर्णिमा 9 अगस्त दिन को पड़ रही है। बता दें कि श्रावण महीने में पड़ने वाली इस पूर्णिमा को श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। श्रावणी पूर्णिमा का दिन दान, पुण्य के साथ गोदान करने से जीवन में चल रही समस्त समस्याओं से छुटकारा मिलता है। साथ ही श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता है।
भाद्रपद पूर्णिमा
इस वर्ष भाद्रपद महीने की पूर्णिमा 7 सितंबर को पड़ रही है। भाद्रपद महीने की पूर्णिमा को व्रत और स्नान-दान करने से समस्त कष्टों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। बता दें कि भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से सोलह दिवसीय श्राद्ध भी प्रारंभ होते हैं।
अश्विनी पूर्णिमा-शरद पूर्णिमा
इस वर्ष अश्विनी महीने की पूर्णिमा 7 अक्तूबर को पड़ रही है। अश्विनी पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से 7 अक्टूबर की सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। लिहाजा व्रतादि की पूर्णिमा 6 अक्टूबर को और स्नान-दान की पूर्णिमा 7 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
कार्तिक पूर्णिमा
इस वर्ष कार्तिक महीने की पूर्णिमा 5 नवंबर, दिन बुधवार को पड़ रही है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया दान-पुण्य अक्षय फलों की प्राप्ति कराता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान देने से धन-संपदा में हमेशा बरकत ही बरकत होती है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा
इस वर्ष मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 को पड़ रही है। मार्गशीर्ष महीने की इस पूर्णिमा को अगहन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मार्गशीर्ष महीने के बारे में स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि 'मासानां मार्गशीर्षोऽयम्'अर्थात् मासों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस दिन गंगा आदि पवित्र तीर्थ स्थलों पर स्नान दान करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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