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आज है साल का आखिरी प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति प्रदोष व्रत करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके साथ ग्रह दोष और रोगों से भी छुटकारा मिलता है। प्रदोष व्रत में शिवजी की पूजा करने से धर में सुख समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Dec 21, 2022 7:20 IST, Updated : Dec 21, 2022 7:34 IST
Pradosh Vrat 2022
Image Source : INDIA TV Pradosh Vrat 2022

Pradosh Vrat 2022: हर महीने के कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत होता है। आज यानी बुधवार को प्रदोष व्रत है। आपको बता दें कि किसी भी प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानि दिन छिपने के बाद शाम के समय को प्रदोष काल कहते हैं। शिव भक्तों में इस व्रत का काफी महत्व है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसा कहा गया है कि इस व्रत को करने से व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होने के साथ ही कर्ज और दरिद्रता से भी मुक्ति मिलती है। 

प्रदोष व्रत पूजा विधि

  1. इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर सभी नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद शिव जी की उपासना करनी चाहिए। 
  2. आज के दिन भगवान शिव को बेल पत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग आदि चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जाप करना चाहिए।
  3. प्रदोष व्रत और महादेव भोलेनाथ की उपासना करने से मनचाहे फल की प्राप्ति के साथ ही कर्ज की मुक्ति से जुड़े प्रयास सफल रहते हैं।
  4. सुबह पूजा आदि के बाद संध्या में यानी प्रदोष काल के समय भी पुनः इसी प्रकार से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
  5. शिवजी के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की भी पूजा करें। 
  6. भगवान भोलेनाथ को सात्विक चीजों का भोग लगाएं और शिवजी की आरती करें।  

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त: प्रदोष पूजा का समय 21 दिसंबर के दिन शाम 06 बजकर 49 मिनट से रात 08 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। पूजा के लिए कुल अवधि 01 घंटा 57 मिनट का समय रहेगा।

प्रदोष व्रत का महत्व

जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा के साथ प्रदोष का व्रत करता है, वह सभी पापकर्मों से मुक्त होकर पुण्य को प्राप्त करता है। साथ ही उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है। हेमाद्रि के व्रत खण्ड-2 में पृष्ठ 18 पर भविष्य पुराण के हवाले से बताया गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है - वह सभी पापों से मुक्त होता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित है। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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