Highlights
- प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है
- भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी ज़रूर करें
- इस व्रत से आपकी हर मनोकामना होगी पूरी
Pradosh Vrat 2022: भगवान शंकर अपने भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करते हैं। उनकी पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शिव जी की कृपा पाने के लिए और उनको प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत का दिन भी बहुत अहम होता है। प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है और यह तिथि भगवान शिव को समर्पित है। भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 अगस्त, बुधवार को है। इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत पर बन रहा ख़ास संयोग
24 अगस्त 2022, बुधवार त्रयोदशी तिथि के दिन शाम 06:52 बजे से रात 09:04 बजे तक प्रदोष काल रहेगा। इस बार प्रदोष व्रत पर एक विशेष संयोग बन रहा है। पंचांग के अनुसार 24 अगस्त की सुबह 06:56 बजे से चंद्रमा कर्क राशि में गोचर करेगा और कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा ही हैं। वहीं शिव जी भी अपने मस्तक पर चंद्रमा धारण करते हैं।
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पूजा के नियम
- प्रदोष व्रत में शिव जी की पूजा करने में कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा करने से शिव जी बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं।
- शिव जी को तुलसी चढ़ाना वर्जित बताया गया है लेकिन तुलसी की मंजरियां चढ़ाना अच्छा होता है। इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं। शिव जी को आक और धतूरा अवश्य चढ़ाएं।
- हमेशा भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा जरूर करें। बिना पार्वती जी की पूजा किए शिव जी की पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है।
- पूजा के दौरान शिवलिंग पर गंगाजल, कच्चा दूध, दही, शहद आदि से स्नान कराएं। इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप जरूर करें।
इस पूजा से मिलता है मनोवांछित फल
ऐसे विशेष संयोग में शिव जी की पूजा करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है। भगवान शिव अपने भक्तों को कभी खाली हाथ नहीं जाने देते। प्रदोष व्रत में भगवान शंकर का व्रत करने से वे अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। आप पर जो भी दुःख और कष्ट है, भगवान भोलेनाथ उसे हर लेते हैं।