Highlights
- आज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है।
- पंचांग के अनुसार इस बार पितृपक्ष 15 नहीं बल्कि 16 दिनों तक रहेगा।
Pitru Paksha 2022: आज से पितृपक्ष की शुरुआत हो गई है। आज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। पंचांग के अनुसार इस बार पितृपक्ष 15 नहीं बल्कि 16 दिनों तक रहेगा। हिंदू धर्म में पितृपक्ष यानी श्राद्ध का काफी महत्व होता है। इन 15-16 दिनों में लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं साथ ही उनका श्राद्ध कर्म करते हैं। सम्मान के साथ श्राद्ध करके अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है। अपने श्रद्धा-भाव के साथ अपने पूर्वजों को याद करने से वह अपनी दया-दृष्टि घर-परिवार बनाएं रखते हैं। चलिए जानते हैं श्राद्ध के दौरान जपे जाने वाले मंत्र के बारे में...
पितृपक्ष के दौरान जपे जाने वाले प्रार्थना मंत्र
1. पितृभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
पितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
प्रपितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
सर्व पितृभ्यो श्र्द्ध्या नमो नम:।।
2. ॐ नमो व :पितरो रसाय नमो व:
पितर: शोषाय नमो व:
पितरो जीवाय नमो व:
पीतर: स्वधायै नमो व:
पितर: पितरो नमो वो
गृहान्न: पितरो दत्त:सत्तो व:।।
पितृपक्ष तर्पण विधि
पितृपक्ष में हर दिन पितरों के लिए अर्पित किया गया है। तर्पण के लिए आपको कुश, अक्षत्, जौ और काला तिल का उपयोग करना चाहिए। तर्पण करने के बाद पितरों से प्रार्थना करें और गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
ये भी पढ़े -