Highlights
- 15 दिन पितृ यानी पुरखों के लिए समर्पित
- जानिए कैसे मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
- हर दिन का है अलग महत्व
Pitru Paksha 2022: आज 10 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो चुका है। हिंदू धर्म के अनुसार ये 15 दिन पितृ यानी पुरखों के लिए समर्पित हैं। इन दिनों में लोग अपने पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंड दान करते हैं। अपने पूवर्जों का आशीर्वाद लेते हैं और साथ ही उनकी मुक्ति की कामना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितृ अगर प्रसन्न हो जाएं तो आपके जीवन में खुशियों की बारिश हो सकती है और अगर पितृ नाराज हो जाएं तो राजा भी रंक बन सकता है। हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। यह कुल 16 दिनों की अवधि होती है। इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है जो 25 सितंबर को समाप्त होगा। आइए हम आपको बताते हैं कि किस दिन श्राद्ध करने से क्या लाभ मिलता है।
पूर्णिमा तिथि को किसका होगा श्राद्ध- पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध 10 सितंबर को ही किया जायेगा। इस दिन उन सबका श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की पूर्णिमा को हुआ हो।
मिलेगा ये फल- पूर्णिमा के दिन श्राद्ध करने से श्राद्ध करने वाले को और उसके परिवार को अच्छी बुद्धि, पुष्टि, पुत्र-पौत्रादि और ऐश्वर्य की प्राप्त होती है।
प्रतिपदा तिथि को किसका होगा श्राद्ध- प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध 11 सितम्बर को किया जायेगा। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को हुआ हो। इसे प्रौष्ठप्रदी श्राद्ध भी कहते हैं।
मिलेगा ये फल- प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध करने वाले व्यक्ति की धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
द्वितीया तिथि को किसका होगा श्राद्ध- द्वितीया तिथि का श्राद्ध तिथि के समयानुसार 11 सितम्बर को ही किया जायेगा। इस दिन द्वितीया तिथि में उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की द्वितीया को हुआ हो।
मिलेगा ये फल- द्वितीया तिथि के दिन श्राद्ध कर्म करने से व्यक्ति को हर तरह के सुख-साधन मिलते हैं।
तृतीया तिथि को किसका होगा श्राद्ध- तृतीया तिथि का श्राद्ध 12 सितम्बर को किया जायेगा। तृतीया तिथि में उन लोगों को श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ हो।
मिलेगा ये फल- तृतीया तिथि में श्राद्ध करने से व्यक्ति को शत्रुओं से छुटकारा मिलता है और समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है।
चतुर्थी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- चतुर्थी तिथि का श्राद्ध 13 सितम्बर को किया जायेगा। चतुर्थी तिथि में उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ हो।
मिलेगा ये फल- चतुर्थी तिथि के दिन श्राद्ध करने से व्यक्ति को शत्रुओं से होने वाले अहित का पहले से ही ज्ञान हो जाता है।
पंचमी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- पंचमी तिथि का श्राद्ध 14 सितम्बर को किया जायेगा । पंचमी तिथि को उनका श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ हो । साथ ही जिनका देहांत अविवाहित अवस्था में, यानि कि शादी से पहले ही हो गया हो, उनका श्राद्ध भी इसी दिन किया जायेगा।
मिलेगा ये फल- पंचमी तिथि के दिन श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
षष्ठी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- षष्ठी तिथि का श्राद्ध 15 सितम्बर को किया जायेगा। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को हुआ हो।
मिलेगा ये फल- षष्ठी तिथि के दिन श्राद्ध करने वाला व्यक्ति सब जगह सम्मान पाने का हकदार होता है।
सप्तमी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- सप्तमी तिथि का श्राद्ध तिथि के समयानुसार 16, 17 सितम्बर को किया जायेगा। सप्तमी तिथि को उन लोगों को श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हुआ हो।
मिलेगा ये फल- सप्तमी तिथि के दिन श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को महान यज्ञों के बराबर पुण्यफल मिलता है और वह श्रेष्ठ विचारों का धनी होता है।
अष्टमी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- अष्टमी तिथि का श्राद्ध 18 सितम्बर को किया जायेगा। अष्टमी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की अष्टमी को हुआ हो।
मिलेगा ये फल- अष्टमी तिथि के दिन श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को सम्पूर्ण समृद्धियों की प्राप्ति होती है।
नवमी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- नवमी तिथि का श्राद्ध 19 सितम्बर को किया जायेगा। नवमी तिथि को उनका श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ हो। साथ ही सौभाग्यवती स्त्रियों, जिनकी मृत्यु उनके पति से पूर्व ही हो गई हो, उनका श्राद्ध कर्म भी 19 सितम्बर को ही किया जायेगा। इसके अलावा माता का श्राद्ध भी इसी दिन किया जाता है, जिसके चलते इसे मातृ नवमी भी कहते हैं।
मिलेगा ये फल- मातृ नवमी के दिन श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और मनचाहा दाम्पत्य सुख मिलता है।
दशमी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- दशमी तिथि का श्राद्ध 20 सितम्बर को किया जायेगा। दशमी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की दशमी को हुआ हो।
मिलेगा ये फल- दश्मी तिथि के दिन श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को कभी भी लक्ष्मी की कमी नहीं होती। उसके पास धन-सम्पदा बनी रहती है।
एकादशी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- एकादशी तिथि का श्राद्ध 21 सितम्बर को किया जायेगा। एकादशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की एकादशी को हुआ हो। इस दिन श्राद्ध करना सबसे पुण्यदायक माना गया है।
मिलेगा ये फल- एकादशी के दिन श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को वेदों का ज्ञान प्राप्त होता है और उसे निरंतर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
द्वादशी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- द्वादशी तिथि का श्राद्ध 22 सितम्बर को किया जायेगा। द्वादशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष पक्ष की द्वादशी को हुआ हो। साथ ही जिन लोगों ने स्वर्गवास से पहले सन्यास ले लिया हो, उन लोगों का श्राद्ध भी 22 सितम्बर को ही किया जायेगा।
मिलेगा ये फल- द्वादशी तिथि के दिन श्राद्ध करने वाले के घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती।
त्रयोदशी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध 23 सितंबर को किया जायेगा । त्रयोदशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ हो। साथ ही नवजात शिशुओं का श्राद्ध भी 23 सितंबर को ही किया जायेगा।
मिलेगा ये फल- त्रयोदशी तिथि के दिन श्राद्ध करने से व्यक्ति को श्रेष्ठ बुद्धि, संतति, धारणा शक्ति, स्वतंत्रता, दीर्घायु और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
चतुर्दशी तिथि को किसका होगा श्राद्ध- चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध 24 सितंबर को किया जायेगा। चतुर्दशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को हुआ हो। साथ ही उन लोगों का श्राद्ध भी इसी दिन किया जायेगा, जिनकी अकाल मृत्यु हुई हो, यानि जिनकी मृत्यु किसी एक्सीडेंट या किसी शस्त्र आदि से हुई हो।
मिलेगा ये फल- चतुर्दशी तिथि के दिन श्राद्ध करने से व्यक्ति को किसी भी अज्ञात भय का खतरा नहीं होता है।
अमावस्या तिथि को किसका होगा श्राद्ध- अमावस्या तिथि का श्राद्ध 25 सितम्बर को किया जायेगा। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की अमावस्या को हुआ हो। साथ ही मातामह, यानी नाना का श्राद्ध भी इसी दिन किया जायेगा। इसमें दौहित्र, यानी बेटी का बेटा ये श्राद्ध कर सकते हैं। भले ही उसके नाना के पुत्र जीवित हों, लेकिन वो भी ये श्राद्ध करके उनका आशीर्वाद पा सकता है। बस श्राद्ध करने वाले के खुद के माता-पिता जीवित होने चाहिए। इसके अलावा जुड़वाओं का श्राद्ध, तीन कन्याओं के बाद पुत्र या तीन पुत्रों के बाद कन्या का श्राद्ध भी इसी दिन किया जायेगा। इसके आलावा अज्ञात तिथियों वालों का श्राद्ध, यानि जिनके स्वर्गवास की तिथि ज्ञात न हो, उन लोगों का श्राद्ध भी अमावस्या के दिन ही किया जाता है। साथ ही पितृ विसर्जन और सर्वपैत्री भी इसी दिन मनाया जायेगा और अमावस्या के श्राद्ध के साथ ही इस दिन महालया की भी समाप्ति हो जायेगी।
मिलेगा ये फल- अमावस्या के दिन श्राद्ध को करने वाला व्यक्ति अत्यंत सुख को पाता है।
Pitru Paksha 2022: पितृ-पक्ष में क्यों है कौए को खिलाने का महत्व, यम और भगवान राम से संबंध