Sawan Somwar 2024: आज यानी कि 5 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार का व्रत रखा जा रहा है। सावन सोमवार के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। सावन में रुद्राभिषेक का भी खास महत्व होता है। कहते हैं कि शिवलिंग का अभिषेक करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना के साथ नाग स्तोत्र का पाठ भी करें। धार्मिक मान्यता है कि नाग स्त्रोत का पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
॥ नाग स्तोत्रम् ॥
ब्रह्म लोके च ये सर्पाःशेषनागाः पुरोगमाः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
विष्णु लोके च ये सर्पाःवासुकि प्रमुखाश्चये।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
रुद्र लोके च ये सर्पाःतक्षकः प्रमुखास्तथा।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
खाण्डवस्य तथा दाहेस्वर्गन्च ये च समाश्रिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
सर्प सत्रे च ये सर्पाःअस्थिकेनाभि रक्षिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
प्रलये चैव ये सर्पाःकार्कोट प्रमुखाश्चये।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
धर्म लोके च ये सर्पाःवैतरण्यां समाश्रिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
ये सर्पाः पर्वत येषुधारि सन्धिषु संस्थिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
ग्रामे वा यदि वारण्येये सर्पाः प्रचरन्ति च।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
पृथिव्याम् चैव ये सर्पाःये सर्पाः बिल संस्थिताः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
रसातले च ये सर्पाःअनन्तादि महाबलाः।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताःप्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥
पितृ दोष का पता कैसे चलता है, जानें लक्षण
- अगर घर में रहने वाले लोगों के बीच किसी न किसी बात पर बहस होती रहती है तो इसका कारण पितृ दोष हो सकता है।
- घर में मौजूद किसी सदस्य का बीमार होना।
- पितृ दोष के कारण व्यक्ति को दुर्घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है।
- पितृ दोष के कारण व्यापार या नौकरी में किसी प्रकार का नुकसान भी हो सकता है।
- शादी में किसी तरह की रुकावट आ सकती है या शादी के बाद मामला तलाक तक पहुंच सकता है।
- यदि कोई दंपति अनेक उपाय करने के बाद भी संतान सुख से वंचित है। या जन्म लेने वाला बच्चा मंदबुद्धि, विकलांग आदि होता है या बच्चा पैदा होते ही मर जाता है।
पितृ दोष कैसे लगता है?
- माता-पिता का अपमान करने से पितृ दोष लगता है।
- पीपल, नीम या बरगद का पेड़ काटना।
- मृत्यु के बाद यदि विधि-विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए तो पितृ दोष लगता है।
- असामयिक मृत्यु की स्थिति में परिवार के सदस्यों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का सामना करना पड़ता है।
- मृत्यु के बाद परिवार के सदस्यों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न करने से पूरे परिवार पर पितृ दोष लगता है।
- सांप को मारने के कारण। पितृ दोष का संबंध सर्प से होता है।
- पितरों का श्राद्ध न करना।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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