
Phulera Dooj 2025: फुलेरा दूज के दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। फाल्गुन माह में मनाए जाने वाले इस त्योहार के दौरान ब्रज क्षेत्र में फूलों की होली खेली जाती है। यह त्योहार द्वितीया तिथि के दिन मनाया जाता है इसीलिए इसे फुलेरा दूज कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण और राधा रानी ने इस दिन फूलों की होली खेली थी और तब से ही फुलेरा के त्योहार की शुरुआत हुई। साल 2025 में यह त्योहार किस दिन मनाया जाएगा, इसका महत्व क्या है इसके बारे में आइए जानते हैं विस्तार से।
फुलेरा दूज 2025
हिंदू पंचांग के अनुसार, फुलेरा दूज का त्योहार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में यह तिथि 1 मार्च को है। द्वितीया तिथि की शुरुआत 1 मार्च की सुबह 3 बजकर 18 मिनट से हो जाएगी और इसकी समाप्ति 2 तारीख की रात्रि काल के दौरान हो जाएगी। उदयातिथि के अनुसार फुलेरा दूज का त्योहार 1 मार्च को ही मनाया जाएगा।
फुलेरा दूज के दिन ऐसे करें पूजा
इस दिन सुबह जल्दी उठने के बाद स्नान-ध्यान आपको करना चाहिए। उसके बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य चढ़ाना चाहिए। इसके बाद घर के पूजा स्थल पर या किसी राधा-कृष्ण के मंदिर में जाकर जल से राधा-कृष्ण का अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद चौकी पर राधा-कृष्ण जी को विराजमान करके उन पर पुष्प वर्षा करनी चाहिए और दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद राधा कृष्ण के मंत्रों का जप और आरती आपको करनी चाहिए। तत्पश्चात नैवेद्य, धूप, फल, अक्षत आदि उन्हें अर्पित करने चाहिए। माखन, मिश्री, खीर का भोग भी आप लगा सकते हैं। अंत में प्रसाद का वितरण करने के साथ आपको पूजा समाप्त करनी चाहिए।
फुलेरा दूज का महत्व
फुलेरा दूज पर फूलों की होली खेली जाती है। राधा-कृष्ण के भक्त इस दिन ब्रज क्षेत्र खासकर मथुरा में फूलों की होली खेलते हैं। इस दिन लोग आपस में मिठाइयां और उपहार भी बांटते हैं। विवाहित लोगों और प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए इस दिन का बड़ा महत्व है। इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने से संबंधों में निखार आता है और प्रेम का रिश्ता मजबूत होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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