Friday, December 20, 2024
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उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोगों की किस्मत सूर्य के भांति चमकती है, इन क्षेत्रों में मिलती हैं इन्हें अपार सफलता

कल उत्तराषाढ़ा नक्षत्र लग रहा है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र काफी शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों का समाज में काफी सम्मान होता है।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Poonam Yadav Published : Dec 24, 2022 21:06 IST, Updated : Dec 24, 2022 21:09 IST
Uttarashada Nakshatra
Image Source : FREEPIK Uttarashada Nakshatra

कल रात 7 बजकर 21 मिनट तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों की श्रेणी में उत्तराषाढ़ा 21वां नक्षत्र है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र शुभ नक्षत्रों की श्रेणी में आता है। बता दें कि विश्वदेव में दस देवताओं के नाम शामिल हैं- इन्द्र, अग्नि, सोम, त्वष्ट्रा, रुद्र, पूखन्, विष्णु, अश्विनी, मित्रावरूण और अंगीरस।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी स्वयं सूर्यदेव हैं और सूर्य देवता सकारात्मकता के प्रतीक हैं, जो अपनी ऊर्जा से पूरे ब्रह्मांड को प्रकाशित करते हैं और सबके अन्दर तेज कायम करते हैं। सूर्य देव सभी नौ ग्रहों के केन्द्र बिन्दु हैं और अपना प्रकाश उन तक पहुंचाते हैं। पृथ्वी पर प्रकाश और ऊर्जा के स्रोत के रूप में सूर्यदेव की ही उपासना की जाती है| जहां-जहां इनकी रोशनी पहुंचती है, वहां का माहौल अपने आप ही ऊर्जामय हो जाता है और यह रोशनी न केवल किसी भवन, मन्दिर या कार्यालय तक पहुंचती है, बल्कि व्यक्ति के मन तक पहुंचती है और एक तरह से उसकी सोई हुई इन्द्रियों को जगाने का काम करती है, जिससे व्यक्ति अपने हर कार्य को पूरी ऊर्जा के साथ कर सके। लिहाजा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में सूर्यदेव की उपासना करना बड़ा ही फलदायी रहता है।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का प्रतीक

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का चिन्ह हाथी के दांत को माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्में जातक अपने लक्ष्य की प्राप्ति और अपने प्रयासों को सफल बनाने में सक्षम होते हैं। साथ ही ये परंपराओं का सम्मान करने वाले होते हैं। इसलिए इन्हें परंपराओं को तोड़ने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं है। इस नक्षत्र के दौरान शिल्पकला से जुड़े कार्य, विद्या आरम्भ, वास्तु शांति, कृषि से संबंधित आदि कार्य करना शुभ माना जाता है।

कटहल के पेड़ की पूजा 

इसके अलावा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में कटहल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ फलदायी है क्योंकि पेड़-पौधों में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संबंध कटहल के पेड़ से बताया गया है। आज के दिन विशेष रूप से उन लोगों को कटहल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए, जिनका जन्म उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में हुआ हो। आज के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्में लोगों को कटहल या उससे बनी कीसी भी चीज़ को उपयोग में नहीं लाना चाहिये और ना ही कटहल के पेड़ को किसी भी प्रकार की हानि यानि उसके टहनियों या पत्तों को नहीं तोडना चाहिए। आज के दिन ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी और आपके जीवन की गति और तेज दोनों ही बने रहेंगे|

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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