Parama Ekadashi Vrat Significance: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। खासतौर से अधिकमास में पड़ने वाली एकादशी अत्यंत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। दरअसल, अधिकमास के दौरान विष्णु की पूजा का विधान और एकादशी व्रत भी भगवान नारायण को समर्पित है। ऐसे में अधिकमास में आने वाली एकादशी के दिन व्रत रखने और लक्ष्मीनारायण की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अधिकमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। तो पुरुषोत्तम मास के दौरान पड़ने वाली एकादशी पुरुषोत्तमी एकादशी के नाम से भी जानी जाती है। तो चलिए अब जानते हैं अधिकमास में पड़ने वाली परमा एकादशी के बारे में।
परमा एकादशी का महत्व
परमा एकादशी का व्रत 12 अगस्त 2023 को रखा जाएगा। यह एकादशी 3 साल में यानी अधिकमास के दौरान ही आती है। इस वजह से इस एकादशी व्रत का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन उपवास रखने और भगवान विष्णु की विधि विधान के साथ पूजा करने से कई गुना अधिक लाभ मिलता है। परमा एकादशी के दिन अन्न, धन, भूमि, विद्या, गौ और स्वर्ण का दान काफी फलदायी होता है। इन चीजों का करना से घर पर विष्णु जी और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है।
परमा एकादशी व्रत पूजा शुभ मुहूर्त और पारण का समय
- एकादशी तिथि आरंभ- 11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 06 मिनट पर
- एकादशी तिथि आरंभ समापन- 12 अगस्त को सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर
- परमा एकादशी व्रत तिथि- 12 अगस्त 2023
- परमा एकादशी व्रत पारण समय- 13 अगस्त को सुबह 05 बजकर 49 से 08 बजकर 19 मिनट तक
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
ये भी पढ़ें-
Ekadashi Vrat August 2023: अगस्त में एकादशी व्रत की तिथियां कौनसी हैं? जानिए डेट, मुहूर्त और महत्व