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Papmochani Ekadashi 2024 Paran Timing: पापमोचनी एकादशी का पारण कब किया जाएगा? जानिए सबसे पहले क्या खाकर व्रत खोलना चाहिए

Papmochani Ekadashi 2024 Paran Shubh Muhurat: पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। अगर आपने भी एकादशी का व्रत रखा है तो इसका पारण करते समय इन जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखें।

Written By: Vineeta Mandal
Published on: April 05, 2024 8:14 IST
Papmochani Ekadashi 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Papmochani Ekadashi 2024

Papmochani Ekadashi 2024: आज यानी कि 5 अप्रैल को पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, एकादशी का व्रत करने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु की अपार कृपा प्राप्त होती है। बता दें कि सालभर में एकदाशियां पड़ती हैं लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। एकादशी व्रत में श्री विष्णु की पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।

पापमोचनी एकादशी के दिन लक्ष्मीनारायण की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और घर में सदैव धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि का वास रहता है। तो आइए जानते हैं कि पापमोचनी एकादशी व्रत का पारण कब किया जाएगा और इसके नियम क्या हैं।

पापमोचिनी एकादशी 2024 पारण शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 4 अप्रैल को  शाम 04 बजकर 16 मिनट से होगा और इसका समापन 5 अप्रैल शुक्रवार को दोपहर 01 बजकर 28 मिनट पर होगा। ऐसे में एकादशी का पारण का समय 6 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 05 मिनट से सुबह 08 बजकर 37 मिनट के बीच रहेगा। पापमोचनी एकादशी के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय सुबह 10 बजकर 19 मिनट का है।  आपको बता दें कि एकादशी का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना चाहिए। 

एकादशी पारण नियम

कहा जाता है कि एकादशी का पारण तुलसी पत्ते से ही करना चाहिए। लेकिन द्वादशी तिथि को भी व्रती को तुलसी का पत्ता तोड़ने की मनाही होती है। ऐसे में घर के किसी दूसरे सदस्य जिसने व्रत न किया हो उसे तुलसी का पत्ता तोड़ने के लिए कहें। ध्यान रखें कि तुलसी का पत्ता एकादशी तिथि में नहीं तोड़ें बल्कि द्वादशी तिथि में इसे तोड़ने के लिए कहें। एकादशी का पारण करते समय सबसे पहले भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से अपनी गलतियों और अनजाने में हुए पाप के लिए क्षमा मांगे।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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