Papankusha Ekadashi 2022: 6 अक्तूबर को पापांकुशा एकादशी है। हर एकादशी अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होती है। आश्विन शुक्ल पक्ष की ये एकादशी सबका कल्याण करने वाली बताई गई है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। कहते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत करने से जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही मनचाही इच्छाओं की पूर्ति होती है, घर में पैसों की बढ़ोतरी होती है, वैवाहिक जीवन सुखद बनता है, सभी कामों में सफलता मिलती है,बच्चों की तरक्की सुनिश्चित होती है और बिजनेस में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
पापांकुशा एकादशी 2022 का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ : 5 अक्टूबर को दोपहर 12:00 बजे से
एकादशी समाप्त - अगले दिन 6 अक्टूबर को सुबह 9:40 पर
ऐसे में उदया तिथि 6 अक्टूबर को होने के कारण पापांकुशा एकादशी व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा।
पापांकुशा एकादशी पूजा विधि
- सुबह उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
- इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए विधि-विधान से पूजा करें।
- सबसे पहले घर में या मंदिर में भगवान विष्णु व लक्ष्मीजी की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें।
- इसके बाद गंगाजल पीकर आत्मा शुद्धि करें। फिर रक्षासूत्र बांधे।
- उसके बाद शुद्ध घी से दीपक जलाकर शंख और घंटी बजाकर पूजन करें और व्रत करने का संकल्प लें।
- इसके बाद विधिपूर्वक प्रभु का पूजन करें और दिन भर उपवास करें।
- सारी रात जागकर भगवान का भजन-कीर्तन करें।
- साथ ही भगवान से किसी प्रकार हुआ गलती के लिए क्षमा भी मांगे।
- दूसरे दिन सुबह भगवान विष्णु का पूजन पहले की तरह करें।
- ब्राह्मणों को ससम्मान आमंत्रित करके भोजन कराएं और अपने अनुसार उन्हें भेट और दक्षिणा दें।
- इसके बाद सभी को प्रसाद देने के बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।
पापांकुशा एकादशी का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, पाप रूपी हाथी को पुण्य रूपी अंकुश से भेदने के कारण ही इसे पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है। श्रीकृष्ण के अनुसार जो व्यक्ति पाप करता है, वह इस व्रत को कर के अपने पापों से मुक्ति पा सकता है।
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