Highlights
- 1200 साल पुराना है पाकिस्तान का वाल्मिकी मंदिर
- पाकिस्तान सरकार कराएगी जीर्णोद्धार
Lohore Pakistan Hindi Temple: 1947 में हुए बंटवारे से पहले पाकिस्तान नहीं था, सिर्फ भारत ही था। लेकिन बंटवारा हुआ तो जो हिस्सा पाकिस्तान बना उसमें कई हिंदू प्राचीन मंदिर भी उस हिस्से में चले गए। इनमें से कुछ मंदिर रख-रखाव की कमी और प्राकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो गए तो अब कई प्राचीन मंदिर पाकिस्तान में आज भी मौजूद हैं। हालांकि यह भी देख-रेख की कमी में तकरीबन खंडहर जैसी हालत में पहुंच चुके हैं। लेकिन हिंदू धर्म के लोगों के लिए आज भी ये मंदिर आस्था का केंद्र हैं। अब एक ऐसे ही मंदिर का पाकिस्तान सरकार जीर्णोद्धार कराने वाली है।
पाकिस्तान सरकार कराएगी जीर्णोद्धार
हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के लाहौर में स्थित वाल्मिकी मंदिर की, इस मंदिर का इतिहास 1200 साल पुराना है। अब इस पुरातन मंदिर को पाकिस्तान सरकार ने फिर से पूजा पाठ के लिए खोलने और इसका नवीनीकरण करने का फैसला लिया है। पाकिस्तान सरकार ने इस वाल्मिकी मंदिर के जीर्णोद्धार की घोषणा की है। घोषणा के समय ऐसा बताया गया कि इस मंदिर पर कई सालों से कुछ लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा था।
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लंबी लड़ाई के बाद मिला अधिकार
पाकिस्तान के एक अखबार के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने वाल्मिकी के नवीनीकरण का ऐलान एक लंबी लड़ाई के बाद किया है। जैसा कि बताया गया कि इस मंदिर पर लोगों का अवैध कब्जा था, ऐसे में एक संगठन ने इसके लिए सरकार से लड़ाई की जिसके बाद मंदिर की देखभाल का जिम्मा संगठन को सौंपा गया है। हालांकि जीर्णोद्धार के पहले भी वाल्मिकी समाज के लोग ही इस मंदिर में दर्शन और पूजा करने जा सकते हैं।
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लव ने की थी लाहौर की स्थापना
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार आज पाकिस्तान के लाहौर के नाम से जाना जाने वाला शहर एक समय पुराने पंजाब की राजधानी था। जिसका असली नाम लवपुर था, क्योंकि इस शहर की स्थापना श्री राम और माता सीता के पुत्र लव ने की थी। लेकिन मुगलों के आक्रमण के बाद जैसे कई शहरों के नाम में परिवर्तन आया वैसे ही यह लवपुर भी लाहौर बन गया।