Narak Chaturdashi Upay: कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। आज 11 नवंबर 2023 को नरक चतुर्दशी है। आज दिवाली उत्सव का दूसरा दिन है। इसे रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में आज नरक चतुर्दशी के दिन कौन-से कार्य किये जाने का विधान है, आज के दिन आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और नरक चतुर्दशी के दिन कौन से उपाय करने चाहिए, आइये ये सभी चीजें जानते हैं आचार्य इंदु प्रकाश से।
नरक चतुर्दशी के दिन इन उपायों का नियम पूर्वक करें पालन
- आज नरक चतुर्दशी का पहला कार्य है तेल मालिश करके स्नान करना। आज स्नान से पहले पूरे शरीर पर तेल मालिश करनी चाहिए और उसके कुछ देर बाद स्नान करना चाहिए। पुराणों में बताया गया है कि चतुर्दशी को लक्ष्मी जी तेल में और गंगा सभी जल में निवास करती हैं। लिहाजा आज तेल मालिश करके स्नान करने पर मां लक्ष्मी के साथ गंगा मैय्या का भी आशीर्वाद मिलता है और व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है। कुछ जगहों पर तेल स्नान से पहले उबटन लगाने की भी परंपरा है।
- अब बात करते हैं आज किये जाने वाले दूसरे कार्य की आज के दिन जड़ समेत मिट्टी से निकली हुयी अपामार्ग की टहनियों के साथ लौकी के टुकड़े को भी सिर पर घुमाने की परंपरा है। कहते हैं ऐसा करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और व्यक्ति को नरक का भय नहीं रहता। दरअसल आज नरक चतुर्दशी के दिन जो भी कार्य किये जाते हैं, वो कहीं न कहीं इसी बात से जुड़े हुए हैं कि व्यक्ति को नरक का भय न रहे और वह अपना जीवन खुशहाल तरीके से, बिना किसी भय के जी सके। लिहाजा अपने भय पर काबू पाने के लिये आज ये सभी कार्य किये जाने चाहिए।
- इसके अलावा आज नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय नरकासुर के निमित्त चार दीपक जलाने की परंपरा है। ये दीपक दक्षिण दिशा में जलाये जाने चाहिए। साथ ही भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवी-देवताओं के मन्दिरों में, मठों में, अस्त्रागारों में, यानि जहां पर अस्त्र आदि रखे जाते हों, बाग-बगीचों में, घर के आंगन में और नदियों के पास दीपक जलाने चाहिए। लिहाजा अपने जीवन में ऊर्जा के साथ ही नयी रोशनी का संचार करने के लिये आस-पास इन सभी जगहों पर दीपक जरूर जलाइये।इसके अलावा आज नरक चतुर्दशी को चौदह प्रकार के शाक पातों का सेवन करना चाहिए। दक्षिण में लोग आज स्नान आदि के बाद कारीट नामक स्थानीय कड़वा फल पैर से कुचलते हैं, जो कि सम्भवतः नरकासुर के नाश का प्रतीक है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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