
फाल्गुन माह की चतुर्दशी तिथि को हर साल महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन मां पार्वती और भोलेनाथ की विवाह हुआ था। इस कारण इस दिन काशी विश्वनाथ, उज्जैन के महाकालेश्वर आदि मंदिरों में शिव बारात निकाली जाती है। इस दिन शिव परिवार को प्रसन्न करने के लिए मंदिरों में जातक विशेष अनुष्ठान भी करते हैं। कहा जाता है कि यह दिन साधना, भक्ति और आत्मिक प्रगति के लिए विशेष है।
माना जाता है कि इस दिन भगवान शंकर की सच्चे मन से उपासना करने से दुखों का नाश होता है। साथ ही जातक को सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने मात्र से जातक को शुभफलों की प्राप्ति होती है। साथ ही कुछ विशेष उपाय करने से उसे परिशानियों से छुटकारा भी मिल जाता है। साथ ही अगर नीचे बताए गए ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए तो आपके कष्ट दूर हो जाएंगे।
काशी विश्वनाथ
वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ की मान्यता अन्य जगहों से ज्यादा है। माना जाता है कि इस नगरी को खुद भगवान शंकर ने बसाया था। कहते हैं कि यहां आने मात्र से जातक के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाकालेश्वर (उज्जैन)
महाकालेश्वर में स्वयं विराजमान हैं, इसीलिए महाकाल की नगरी उज्जैन कहलाती है। मान्यता है कि ये राजों के राजा हैं। यह मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित है। यहां दर्शन मात्र के आपके पापों का नाश हो जाता है।
सोमनाथ (गुजरात)
गुजरात के प्रभास क्षेत्र में स्थित है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह ज्योतिर्लिंग हवा में स्थित था। इस मंदिर को महमूद गजनवी ने कई बार इसे तोड़ा लेकिन शिवलिंग का बाल भी बांका न कर सके।
भीमशंकर (महाराष्ट्र)
भीमशंकर मंदिर नासिक से करीबन 120 किलोमीटर दूर सह्याद्रि पर्वत पर बसा हुआ माना जाता है।
नागेश्वर
नागेश्वर गुजरात के बड़ौदा में बसे हुए हैं। इसे भी 12 ज्योतिर्लिंगों में गिना जाता है। इस दिन यहां दर्शन करने जातकों को जाना चाहिए
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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