Diwali 2023: दीपावली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। इस दिन सभी लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। एक बात जो सोचने पर मजबूर करती है कि दीपावली पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा तो होती है, लेकिन विष्णु जी की अर्धांगनी होने के बाद भी इस दिन भगवान विष्णु की पूजा मां लक्ष्मी के साथ आखिर क्यों नहीं होती है? जबकी हर जगह मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। आइये जानते हैं इसके पीछे आखिर क्या कारण है।
दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की एक साथ पूजा न होने का कारण
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु आषाढ़ मास में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन शयन करते हैं और कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अपनी योगनिद्रा से जागते हैं, जिसे देवउठनी एकादशी कहते हैं। भगवान विष्णु की योनिद्रा के कारण मां लक्ष्मी की पूजा दीपावली वाले दिन भगवान विष्णु के साथ इसलिए नहीं होती है। अब भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा से 23 नवंबर 2023 के दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन शयन से उठेंगे।
मां लक्ष्मी के दत्तक पुत्र के रूप में होती है गणेश जी की पूजा
पौराणिक कथा के अनुसार मां लक्ष्मी ने पार्वती जी से भगवान गणेश को दत्तक पुत्र के रूप में प्राप्त किया था। मां लक्ष्मी ने गणेश को पार्वती जी से गोद लेने के बाद अपनी खुशी जताई थी और गणेश जी को यह वर्दान दिया था कि जहां मेरी पूजा होगी वहां तुम्हारी भी पूजा की जाएगी। इस कारण मां लक्ष्मी की पूजा दीपावली के दिन गणेश जी के साथ की जाती है। दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है। वहीं गणेश जी की पूजा करने से ज्ञान और विवेक की वृद्धि होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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