Diwali Prasad 2023: आज दीपावली का पावन त्यौहार है। आज पूरा देश इस त्यौहार को खुशियों से मनाएगा, लोग जगह-जगह दीप जलाकर इस त्यौहार को प्रकाश पर्व के तौर पर मनाएंगे। आज 12 नवंबर 2023 दिन रविवार की शाम को मुहूर्त के अनुसार मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। पूजा के दौरान लक्ष्मी-गणेश जी को कई चीजों का भोग लगाया जाता है। जैसे फल, मौवे, मिठाईयां और जो सबसे महत्वपूर्ण चीज है जिसके बिना दीपावली की पूजा का भोग अधूरा माना जाता है, वह खील और बताशे हैं।
जी हां, दीपावली पर जब तक खील और बताशे पूजा में न चढ़ाए जाएं जब तक पूजा का भोग पूरा नहीं माना जाता है। आइये जानते हैं आखिर ये खील और बताशे दीपावली की पूजा को क्यों चढ़ाए जाते हैं और इसका क्या कारण है।
खील-बताशे चढ़ाने का पहला कारण
खील-बताशे चढ़ाने का दूसरा कारण
खील और बताशे चढ़ाने का दूसरा कारण यह है कि दीपावली से पहले चावल के रूप में धान की फसल तैयार की जाती है। दीपावली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए दीपावली की पहली फसल के रूप में उन्हें भोग के तौर पर खील चढ़ाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देखा जाए तो खील और बताशों का संबंध कहीं न कहीं शुक्र ग्रह से है और यह धन, वैभव और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। दीपावली पर इस कारण से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को खील-बताशे चढ़ाए जाते हैं। वहीं बताशा मिठाई के तौर पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को चढ़ाने से घर में धन-दौलत का आगमन होता है और रुके हुए कार्य पूरे होते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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