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Chhath Puja 2023: कल छठ के चौथे दिन दिया जाएगा उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, नोट करें सूर्योदय का सही समय और नियम

छठ के महापर्व का कल चौथा दिन है। यह छठ पर्व का आखिरी दिन होता है। कल सूर्योदय के समय प्रात:काल में भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा। आइये जानेत हैं कल अर्घ्य किस समय दिया जाएगा और क्या हैं इसके नियम।

Written By: Aditya Mehrotra
Published : Nov 19, 2023 18:33 IST, Updated : Nov 19, 2023 18:34 IST
Chhath Puja 2023
Image Source : INDIA TV Chhath Puja 2023

Chhath Puja 2023: लोक आस्था के महापर्व छठ का कल दूसरा और अंतिम सूर्य अर्घ्य दिया जाएगा। यह अर्घ्य कल 20 नवंबर 2023 दिन सोमवार को प्रात:काल सूर्योदय के समय भगवान सूर्य नारागण को दिया जाएगा। आज छठ पर्व का तीसरा दिन था। आज शाम को संध्या अर्घ्य देने के बाद कल छठ पर्व का उदयागामी सूर्य अर्घ्य दिया जाएगा। जिस तरह आज ढलते सूर्य को व्रती महिलाओं ने संध्या अर्घ्य दिया था। ठीक उसी तरह कल उगते हुए सूर्य को श्रद्धापूर्वक अर्घ्य दिया जाएगा। छठ का पर्व सूर्य देव और मां छठी मैया को समर्पित होता है। आइये जानते हैं कल छठ पर्व पर सूर्य अर्घ्य किस समय दिया जाएगा।

नोट करें छठ के चौथे दिन सूर्य अर्घ्य का समय

20 नवंबर 2023 दिन सोमवार को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का समय 6 बजकर 47 मिनट पर है। कल सूर्योदय के समय व्रती महिलाएं सूर्य देव के उदय होने पर उनको पूर्ण विधि विधान से अर्घ्य अर्पित कर छठ मैया का आशीर्वाद प्राप्त करेंगी। यह छठ पर्व का आखिरी और चौथा दिन होगा इसी के साथ 36 घंटे के व्रत का कल अर्घ्य देने के बाद पारण भी किया जाएगा। 

उदयागमी अर्घ्य देने के नियम

  • व्रती महिलाओं को उदयागामी सूर्य अर्घ्य देने से पहले किसी तीर्थ नदी के तट, तालाब या कुएं के पास जाकर खड़े हो जाना चाहिए।
  • सूर्य देव को अर्घ्य दने से पहले उनको प्रणाम करना चाहिए और छठी मैया से भी हाथ जोड़ कर प्रार्थना करनी चाहिए। इसके बाद व्रती महिलाओं को सूर्य भगवान को श्रद्धापूर्वक अर्घ्य देना चाहिए।
  • सूर्य देव को कल अर्घ्य देते समय पूर्व दिशा की और खड़े हो कर अर्घ्य दें। क्योंकि सूर्य देव पूर्व दिशा की ओर से उदय होते हैं।
  • अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे का जरूर प्रयोग करें। 
  • अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे में लाल फूल, अक्षत, कुमकुम आदि चीजें जरूर डालें।
  • जब आप सूर्य अर्घ्य दें तो तांबे के लोटे को दोनों हाथों से पकड़ कर ही जल अर्पित करें।   
  • अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं को जल में डुबकी लगानी चाहिए और सूर्य देव की स्तुति करनी चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव के साथ ही साथ छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस पर्व में इन दोनों की कृपा का विशेष महत्व होता है। 

सूर्य देव को अर्घ्य देने का मंत्र

  • ॐ सूर्याय नमः
  • ॐ भास्कराय नमः
  • ॐ आदित्याय नमः
  • ॐ वरुणाय नमः
  • ॐ मित्राय नमः
  • ऊं घृणि सूर्याय नमः 

सूर्योदय के समय अर्घ्य देने का महत्व

सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में सकारात्मकता आती है। मान्यता है कि सूर्य जगत की आत्मा हैं और संपूर्ण सृष्टि को प्रकाशित करते हैं। ऐसे में जब वह उदय होते हैं तो उनको अर्घ्य देना स्वास्थ्य और जीवन दोनों के लिए फलदायक होता है। प्रतःकाल उगते सूर्य को अर्घ्य देने से शरीर निरोगी  और ऊर्जावान बना रहता है। माना जाता है कि छठ पर्व में सूर्य अर्घ्य देने से कई अधिक गुना फल मिलता है और संतान की उन्नती होती है। 

 (Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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