Saraswati Puja 2024: हिंदू धर्म के माघ माह में मनाई जाने वाली बसंत पंचमी का त्योहार अति पावन है। यह प्रत्येक साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। बसंत ऋतु के आगमन के तौर पर इस त्योहार को बसंत पंचमी के नाम जाना जाता है। वहीं पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन मुख्य तौर पर इनकी पूजा करने का विधान है। मां सरस्वती को हिंदू धर्म में विद्या, ज्ञान, कला और संगीत कलाओं में निपुण देवी माना जाता है।
जो छात्र पढ़ाई लिखाई में कमजोर हैं उन्हें बसंत पंचमी वाले दिन मां शारदा की विशेष रूप से आराधना करनी चाहिए। साथ ही जीवन में अपार सफलता और धन-वैभव सुख के लिए भी ज्ञान की आवश्यकता होती है। इसके लिए मां सरस्वती की वंदना बसंत पंचमी के दिन करने से उनका अपार आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
कब है बसंत पंचमी
- बसंत पंचमी- 14 फरवरी 2024 दिन बुधवार
- माघ शुक्ल पक्ष तिथि प्रारंभ- 13 फरवरी 2024 दिन मंगलवार दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से शुरू।
- माघ शुक्ल पक्ष तिथि समापन- 14 फरवरी 2024 दिन बुधवार दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर समाप्ति।
नोट करें मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त
- मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त- 14 फरवरी 2024 दिन बुधवार सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक।
- पूजा की कुल अवधि- 5 घंटा 35 मिनट तक।
मां सरस्वती के पाठ करने का महत्व
इस दिन स्नान आदि से निवृत होने के बाद मां शारदा का पाठ करने से घर में सुख-सौभाग्य की वृद्धि होती है। मां सरस्वती के आशीर्वाद से बुद्धि, सिद्धि,धन, ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है। संसार में जिसके पास ज्ञान है और विवेक है उसके लिए धन अर्जित करना चुनौती नहीं होता है। इसके लिए मां सरस्वती का पाठ करना आपके लिए इस दिन सबसे फलदायक होगा। मान्यता है कि मां सरस्वती की जिस पर कृपा होती है वह समाज में प्रतिष्ठित, ज्ञानवान और धनवान होता है। अतः इस दिन मां शारदा के पाठ के साथ उनकी नियमित रूप से वंदना कर शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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