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Nirjala Ekadshi 2023: इस दिन रखा जाएगा निर्जला एकादशी का व्रत, जानिए तिथि, मुहूर्त और पारण का समय

Nirjala Ekadshi 2023: निर्जला एकादशी व्रत का सबसे अधिक फलदायी और पुण्यकारी माना जाता है। इस व्रत को बिना जल के रखा जाता है। कहते हैं कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के हर संकट दूर हो जाते हैं।

Written By: Vineeta Mandal
Updated on: May 30, 2023 18:30 IST
Nirjala Ekadashi 2023- India TV Hindi
Image Source : FILE IMAGE Nirjala Ekadashi 2023

Nirjala Ekadshi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। उसमें भी निर्जला एकादशी व्रत का महत्व और अधिक है।  इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई 2023 को रखा जाएगा। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। तो आइए यहां जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त, पारण का समय और महत्व के बारे में।

निर्जला एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि आरंभ-  दोपहर 01 बजकर 07 मिनट से शुरू (30 मई 2023)
  • एकादशी तिथि समापन- दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर (31 मई 2023)
  • निर्जला एकादशी व्रत तिथि-  31 मई 2023
  • निर्जला एकादशी व्रत पूजा शुभ मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 51 मिनट तक (31 मई 2023)
  • दूसरा मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 35 मिनट से दोपहर दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक ((31 मई 2023)

निर्जला एकादशी 2023 पारण का समय (Nirjala Ekadshi 2023 Paran Timing)

  • निर्जला एकादशी व्रत पारण की तारीख- 1 जून 2023
  • निर्जला एकादशी व्रत पारण समय-  सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक (1 जून 2023)

निर्जला एकादशी व्रत का महत्व (Nirjala Ekadshi Importance)

प्रत्येक एकादशी में भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने और उनकी पूजा करने का विधान है। एकादशी का व्रत रखने से श्री हरि अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। आपके बता दें कि सभी एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की इस निर्जला एकादशी का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। निर्जला एकादशी में निर्जल, यानि बिना पानी पीएं व्रत किया जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति साल की सभी एकादशियों का व्रत नहीं कर सकता, वो निर्जला एकादशी का व्रत करके बाकी एकादशियों का लाभ भी उठा सकता है।

किसे कौनसी एकादशी का व्रत रखना चाहिए?

प्रत्येक महीने में दो एकादशियां होती हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है।  आपको बता दें कि गृहस्थ को केवल शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करना चाहिए। जबकि जो ग्रहस्थ नहीं है, उनके लिए कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की एकादशी नित्य है। पुराणों में बताया गया है कि गृहस्थ को केवल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की शयनी और कार्तिक शुक्ल पक्ष की बोधनी एकादशी के मध्य पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी तो कर सकते हैं। बाकी केवल शुक्ल पक्ष की एकादशी ही कृत्य है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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