चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ नवरात्रि की पूजा शुरू होती है और इसके बाद नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों को पूजा जाता है। नवरात्रि में अगर आप भी व्रत रखने वाले हैं, घटस्थापना करने वाले हैं तो व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण सामग्रियां आपको पहले ही रख लेनी चाहिए। माता की पूजा और कलश स्थापना के लिए कौन-कौन सी सामग्रियां आपके पास होनी चाहिए, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के दौरान घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 03 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। आइए अब जानते हैं कि माता की पूजा में किन सामग्रियों का होना जरूरी होता है।
नवरात्रि 2024 पूजा सामग्री
माता की पूजा के लिए आपको पूजा स्थल पर माता की एक तस्वीर या मूर्ति रखनी चाहिए। पूजा का स्थान ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा में होगा तो उत्तम माना जाता है। इसके साथ ही नीचे दी गई सामग्रियां भी पूजा के लिए तैयार रखनी चाहिए।
- गंगाजल
- रोली
- अटूट चावल (अक्षत)
- गंगाजल
- सिक्का
- कुमकुम
- आम के 5 पत्ते
- जौ
- मिट्टी का दीपक
- घी
- रुई और बाती
- जौ बोने के लिए मिट्टी
- जटा वाला नारियल
- लाल वस्त्र
- लौंग, कपूर, कलावा
- फूलों की माला
- श्रृंगार सामग्री
- हवन करने के लिए आम की लकड़ियां
- चौकी के लिए लाल वस्त्र
- पान, सुपारी, मेवे
- मिठाई
कलश स्थापना विधि और सामग्री
कलश स्थापित करने के लिए आपके पास मिट्टी या तांबे का एक कलश होना चाहिए। इसके नीचे एक पात्र में मिट्टी रखकर उसके ऊपर कलश को स्थापित किया जाता है। इसके साथ ही, आम के पत्ते, जौ, सिंदूर, जल, जौ, सिक्का, लाल चुनरी, कलावा, मिट्टी कलश स्थापित करने से पहले आपके पास होना चाहिए। कलश स्थापित करते समय सबसे पहले थाली या थाली नुमा किसी बर्तन में मिट्टी आपको रखनी चाहिए और इसमें जौ डाल देने चाहिए। इस पात्र के मध्य में पानी से भरे कलश को आपको रखना चाहिए। कलश में अक्षत, सुपारी, इलायची और सिक्का आपको डालना चाहिए।
इसके बाद कलश के मुख पर आम के पत्ते रखने चाहिए और उसके बाद नारियल को चुनरी से लपेटकर कलश के मुख पर रख देना चाहिए। फिर कलश पर कलावा बांधें और स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। इस तरह आपका कलश स्थापित हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि कलश में सभी देवी देवताओं का निवास होता है। ऐसे में अगर आप नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापित करते हैं तो सभी देवी-देवता आपकी पूजा के साक्षी बन जाते हैं। इसलिए नवरात्रि की पूजा में कलश स्थापना का बड़ा महत्व है।
माता की श्रृंगार सामग्री
माता के श्रृंगार के लिए आपको बिंदी, मेहंदी, सिंदूर, लाल चूड़ी, लाल चुनरी, बिछिया, माला, नाक की नथ, काजल, मेहंदी, नेलपॉलिश, लिपस्टिक, इत्र, पायल आदि चीजें पूजा स्थल पर रखनी चाहिए। नवरात्रि के दौरान माता को श्रृंगार सामग्री अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में अच्छे बदलाव आते हैं साथ ही अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। सौभाग्य वृद्धि के लिए भी माता को श्रृंगार सामग्री आपको अर्पित करनी चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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