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Kanya Pujan 2024: नवरात्रि में इस विधि के साथ करें कन्या पूजन, पूरी होगी सभी मुरादें, माता रानी की मिलेगी कृपा

Navratri 2024 Kanya Pujan 2024: नवरात्रि में कन्या पूजन करने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। कन्याओं को माता का स्वरूप ही माना जाता है। तो कन्या खिलाने से पहले जान लीजिए सही विधि।

Written By: Vineeta Mandal
Updated on: October 11, 2024 0:01 IST
Navratri 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Navratri 2024

Navratri 2024 Kanya Pujan Vidhi: नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। छोटी-छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है। ऐसे में कन्या खिलाने से माता रानी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि, खुशहाली बनी रहती है। धार्मिक मान्यता है कि कन्याओं को भोजन कराने से निःसंतान महिलाओं की सूनी गोद भर जाती है यानी कि उन्हें स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, कन्याओं के रूप में मां दुर्गा स्वंय अपने अलग-अलग रूपों में कन्या पूजन के लिए आती हैं। अगर आप भी मां भगवती से अपनी हर मुराद पूरी करवाना चाहते हैं तो कन्या पूजन जरूर करें। आइए जानते हैं कि कन्या पूजन किस विधि और नियम के साथ करना चाहिए।

इस विधि के साथ करें कन्या पूजन

  • कन्या पूजन वाले दिन प्रात:काल उठकर स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
  • इसके बाद भोग तैयार कर लें (हलवा, पूड़ी, चना, खीर और फल)
  • भोग सात्विक बनाया जाता है। इसमें लहसुन-प्याज का इस्तेमाल भूलकर भी न करें
  • भोग बनाने के बाद सबसे पहले माता रानी को भोग लगाएं। 
  • इसके बाद बाकी भोग कन्याओं के लिए अलग निकाल कर रख दें।
  • कन्याओं के साथ एक लड़का को पूजने की भी परंपरा है। लड़के को भैरव का रूप मानकर पूजा की जाती है। 
  • सभी कन्याओं और लड़के के पैरों को स्वच्छ पानी से धोएं और उन्हें साफ जगह पर आसन लगाकर उसपर बैठाएं। 
  • इसके बाद सभी की रोली और सिंदूर से तिलक करें। 
  • कन्याओं के पैरों को रंग से रंगकर उन्हें चुनरी ओढ़ाएं।
  • आप चाहे तो सभी की आरती भी उतार सकते हैं। इसके बाद में सभी को भोजन परोसें।
  • भोजन करने के बाद सभी कन्याओं और भैरव को अपनी श्रद्धा अनुसार उपहार और पैसे दें।
  •  साथ ही प्रसाद के रूप में फल भी दे सकते हैं। अब सभी कन्याओं-भैरव के चरणों को स्पर्श करें और उनसे आशीर्वाद लें। उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करें। 

नवरात्रि अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त

  • अष्टमी तिथि आरंभ - 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर
  • अष्टमी तिथि समाप्त- 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट तक
  • अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त- 11 अक्टूबर को सुबह से दोपहर 12 बजकर 6 मिनट तक

नवमी कन्या पूजन मुहूर्त

  • नवमी तिथि प्रारंभ - 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर
  • नवमी तिथि समाप्त- 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक
  • नवमी कन्या पूजन मुहूर्त- 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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