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Navratri 2023: श्री राम और कृष्ण की कुलदेवी कौन और कहां विराजती हैं ? आज भी नवरात्रि पर यहां सजता है मां का दरबार

नवरात्रि के दिनों देवी मां के भक्तों का मंदिरों में तांता लगा हुआ है। मां के दरबार सजे हुए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान श्री राम और कृष्ण की कुल देवी कौन हैं ?

Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: October 18, 2023 16:21 IST
Navratri 2023 : श्री राम और कृष्ण - India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Navratri 2023 : श्री राम और कृष्ण

Navratri 2023 Kuldevi : शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा है। यह पर्व पूरे नौ दिनों तक चलता है, जो मां दुर्गा की आराधना के लिए होता है। ऐसे में देवी मां की उपासना करने वाले सभी भक्त अपनी-अपनी अधिष्ठात्री देवी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा पाठ करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की मनोकामना भी रखते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि घर की कुल देवी और देवता प्रसन्न रहते हैं, तो वह उस घर के वंश की रक्षा करते हैं और उस कुल पर सदैव अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।


वहीं अगर घर के कुल देवी और देवता आपसे प्रसन्न नहीं हैं, तो उस वंश का धीरे-धीरे पतन होने लगता हैं। इसलिए आज भी सदियों से कुल देवी और  कुल देवता को पूजने की परंपरा चली आ रही है। अगर बात करें भगवान राम और श्री कृष्ण की तो इनकी भी पूज्नीय कुल देवियां हैं, जिनके आशीर्वाद से भगवान राम ने लंका विजय प्राप्त किया तो वहीं श्री कृष्ण ने बड़े-बड़े असुरों का संहार किया। भगवान राम और श्री कृष्ण की कुल देवियों की आज भी लोग पूजा करते हैं और नवरात्रि के दिनों देवी मां का भव्य दरबार भी सजाया जाता है, जहां भक्तगण मां का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं।

 अयोध्या में विराजती हैं भगवान राम की कुल देवी 

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की कुल देवी मां बड़ी देवकाली हैं जिनका मंदिर अयोध्या 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के अंतरगत आता है, पौराणिक मान्यता के अनुसार मां बड़ी देवकाली के मंदिर का निर्माण प्रभु श्री राम के पूर्वज रघु जी ने कराया था। अयोध्या स्थित बड़ी देवकाली मंदिर के गर्भगृह में एक ही शिला में तीन महाशक्तियां विराजमान हैं इनमें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का समागम है। नवरात्र के पहले दिन से ही यहां मां के भक्तों का तांता लग जाता है, नवरात्रि के दिनों यहां लोग कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी कराने आते हैं।  

श्री कृष्ण की कुल देवी हैं महाविद्या

पौराणिक मान्यता अनुसरा भगवान कृष्ण की कुल देवी मां महाविद्या देवी को माना जाता है। मां महाविद्या देवी का मंदिर ब्रच चौरासी कोस और मथुरा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित है। यह मंदिर अति अति प्राचीन और द्वापर युग का बताया जाता है और यहीं पर भगवान श्री कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम का मुंडन संस्कार भी हुआ था। उस समय इस मंदिर को अंबिका वन के नाम से जाना जाता था। नवरात्रि के दिनों यहां आज भी मां का भव्य दरबार सजता है और जो भी यहां मां के दर्शन करने आता है उनकी सभी मनोकामनाएं मां महाविद्या पूरी करती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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