Wednesday, November 20, 2024
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Navratri 2023: वो कौन से अस्त्र शस्त्र हैं जिसे देवी मां करती हैं हाथों में विराजित? ये रही इसके पीछे की वजह

दुर्गा मां की महिमा अपरंपार है, सृष्टि की रक्षा के लिए उन्होनें कई असुरों का वध किया। आइये जानते हैं वो कौन से अस्त्र-शस्त्र हैं जिसे देवी मां अपने हाथों में धारण करती हैं।

Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: October 20, 2023 12:51 IST
Navratri 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Navratri 2023

Navratri 2023 : शारदीय नवरात्रि का त्योहार चल रहा है। हम सभी नौ दिनों तक चलने वाली इस नवरात्रि पर देवी मां के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। देवी मां तो स्वयं आदि शक्ति हैं, उनके हर स्वरूप चाहें मां काली हों, बगुलामुखी हों या मां दुर्गा हों। सभी देवी शक्तियों का प्रकाट्य असुरों के वध के उद्देश से हुआ है। देवी भक्तों के जीवन में जब-जब परेशानी आती है, तब-तब मां सदैव उनकी रक्षा करती हैं। उनके जीवन के सारे कष्ट हर लेतीं हैं और मां तो सदैव अपने बच्चों पर ममता बरसाती हैं, तो कैसे वह अपने भक्तों को दुखी देख सकती हैं।

देवी मां की शरण में आने वाला भक्त जीवन में कभी निराश नहीं रहता है। शारदीय नवरात्रि देवी भक्तों की लोक आस्था का पर्व है और देवी भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनके दरबार में जाते हैं। माता रानी के भक्त अपने दुखों की व्यथा उन्हें सुनाते हैं, तो कैसे मां देवी उनके मन की व्यथा को अनसुना कर देंगी। देवी मां बड़ी दयालु हैं और उपने भक्तों की रक्षा सदैव करती हैं। देवी मां ने सृष्टि के कल्याण के लिए कई असुरों का अंत भी किया और असुरों के बढ़ते अत्याचारों से सृष्टी को मुक्त भी कराया, इसलिए देवी मां के प्रकोप से असुर डरते हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार मां दुर्गा जी के हाथों में विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र विराजित हैं। आज हम उनके बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

देवी मां के हाथों में विराजते हैं ये अस्त्र-शस्त्र

  1. त्रिशूल - देवी मां ने अपने हाथों में त्रिशूल धारण किया हुआ है। त्रिशूल में तीन नोकें होती हैं, जो तीन प्रकार के गुणों सत्तव, राजस और तामस को संबोधित करता है। माता रानी ने इसी त्रिशुल से महिषासुर समेत अन्य दैत्यों का संहार किया था।
  2. वज्र - मां देवी के हाथों में जो वज्र विराजित होता है, उसे इंद्रदेव ने प्रदान किया था। यह अस्त्र इतना शक्तिशाली होता हैं कि युद्ध मैदान में इसका प्रयोग करते ही असुर उस जगह से भयभीत हो कर भाग खड़े होते थे।
  3. शंख - माता रानी के हाथों में जो शंख है, उसे वरुण देव द्वारा प्रदान किया गया था। शंखनाद करते ही इसमे से ओ३म् (ॐ) की ध्वनि तरंगे निकली हैं, यह ध्वनि तरंगे इतनी तीब्र होती हैं कि चाहें असुर धरती, आकाश य पाताल चहां भी छिपें हों वहीं से शंख की ध्वनि सुनकर काप खड़े होते थे।
  4. दंड - देवी मां को यह कालदंड यम लोक के राजा यम देव ने भेंट किया था। असुरों से युद्ध के दौरान दुर्गा देवी ने इसी कालदंड से दैत्यों को धरती से घसीटा था।
  5. धनुष-बाण - मां भगवती जो धनुष- बाण होथों में धारण करती हैं वह ऊर्जा और शक्ति को दर्शता है।
  6. तलवार - मां दुर्गा को तलवार गणेश जी ने भेंट की थी, तलवार जिस तरह चमकदार और आगे से नुकीली होती है वह ज्ञान के प्रतीक और शौर्य को दर्शाती है।
  7. सुदर्शन चक्र - माता रानी ने जो सुदर्शन चक्र अपने हाथों में धारण किया है, वह चक्र दर्शाता है कि, ये संपूर्ण सृष्टि मां की शक्ति के अधीन है। तभी तो बड़े-बड़े युद्धों में जब देवता विजय नहीं प्राप्त कर पा रहे थे, तो वह देवी मां की शरण में उनसे मदद मांगने पहुंचे थें।
  8. भाला - दुर्गा जी के हाथों में हम भाला भी देखते हैं, यह भाला देवी मां को अग्नि देव ने भेंट किया था। मान्यता के अनुसार भाला उग्र शक्ति और शुभता को दर्शाता है। 
  9. कमल - भगवान ब्रह्मा ने देवी मां को कमल का फूल भेंट किया था। अर्ध- खिला हुआ कमल इस बात का प्रतीक है कि कितनी भी कठिन परिस्थियां आएं हमें अपने विचार हमेशा साकारत्मक रखना चाहिए, जिससे हमारा आध्यात्मिक विकास हो।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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