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Muharram 2023: मुहर्रम के दिन क्यों मनाया जाता है मातम? जानिए क्या है कर्बला जंग और आशूरा की कहानी

Muharram 2023: मुहर्रम की दसवीं तारीख को यौम-ए-आशूरा होता है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मातम मनानते हैं। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, आशूरा के दिन ही इमाम हुसैन कर्बला की जंग में शहीद हुए थे।

Written By: India TV Entertainment Desk
Published : Jul 29, 2023 11:52 IST, Updated : Jul 29, 2023 11:52 IST
Muharram 2023
Image Source : INDIA TV Muharram 2023

Muharram 2023: आज का दिन मुस्लिमों के लिए सबसे अहम और पवित्र है। आज मुहर्रम की दसवीं तारीख है। मुहर्रम की 10वीं तारीख को यौम-ए-आशूरा कहा जाता है। आशूरा के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मातम मनाते हैं। इसके अलावा आज के दिन ताजिया और जुलूस निकाले जाते हैं जिसमें लोग इमाम हुसैन और उनके साथ शहीद हुए लोगों को याद कर खुद को जख़्मी भी कर लेते हैं।ताजिया हजरत इमाम हुसैन की कब्र के प्रतीक के रूप में होता है। आपको बता दें कि मोहर्रम के महीने में ही पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन कर्बला की जंग में शहीद हुए थे।

कर्बला जंग की कहानी

इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक,  आज से 1400 साल पहले कर्बला की लड़ाई में मोहम्मद साहब के नवासे (बेटी का बेटा,नाती) हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हुए थे ,ये लड़ाई इराक के कर्बला में हुई थी। लड़ाई में इमाम हुसैन और उनके परिवार के छोटे-छोटे बच्चों को भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया था। इसलिए मोहर्रम में सबीले लगाई जाती है,पानी पिलाया जाता है,भूखों को खाना खिलाया जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाया था, इसलिए मोहर्रम को इंसानियत का महीना माना जाताहै।। इमाम हुसैन की शहादत और कुर्बानी की याद में मोहर्रम मनाया जाता है। इमाम हुसैन की शहादत की याद में ताज़िया और जुलूस निकाले जाते हैं।

गौरतलब है कि मुहर्रम महीने बीते 20 जुलाई से शुरू हो चुका है। मुहर्रम से ही इस्लामिक नए साल की शुरुआत होती है। मुहर्रम के दिन ही इमाम हुसैन शहीद हुए थे इसलिए इस महीने में खुशियां नहीं मनाई जाती है। मुहर्रम के दौरान मुस्लिम धर्म के लोग हर तरह के चमक-धमक से दूर रहते हैं। इमाम हुसैन की शहादत के गम में शिया और कुछ इलाकों में सुन्नी मुस्लिम मातम मनाते हैं और जुलूस निकालते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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