Wednesday, December 11, 2024
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Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी व्रत का इस विधि से करें पारण, जान लें शुभ मुहूर्त और महत्व

Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि यानि 12 दिसंबर को किया जाएगा। इस दिन पारण का शुभ मुहूर्त क्या है और इसके महत्व के बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Dec 11, 2024 16:23 IST, Updated : Dec 11, 2024 16:23 IST
Mokshada Ekadashi 2024- India TV Hindi
Image Source : FILE मोक्षदा एकादशी 2024

Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी का पारण 12 दिसंबर 2024 को किया जाएगा। साल में आने वाली सभी एकादशी तिथियों में मोक्षदा एकादशी का अपना अलग महत्व है। माना जाता है कि, इसी तिथि को भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यही वजह है कि मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। एकादशी व्रत का पारण हमेशा द्वादशी तिथि पर होता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में पारण करने से भक्तों की मनोकामनाओं को भगवान विष्णु पूरा करते हैं। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि, साल 2024 में मोक्षदा एकादशी का पारण किस मुहूर्त में किया जाएगा, और इस दिन का महत्व क्या है। 

मोक्षदा एकादशी 2024

साल 2024 में मोक्षदा एकादशी व्रत 11 दिसंबर को रखा गया। एकादशी तिथि की शुरुआत 11 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 42 मिनट पर हुई और इसका समापन 12 दिसंबर की सुबह 1 बजकर 11 मिनट पर होगा। इसलिए 12 दिसंबर की सुबह ही एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। आइए अब जान लेते हैं पारण का सही समय। 

  • मोक्षदा एकादशी पारण मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 5 मिनट से 9 बजकर 9 मिनट तक। 
  • एकादशी व्रत का पारण आप चावल या फिर आंवला खाकर कर सकते हैं। 

एकादशी व्रत पारण विधि

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। इस दिन आपको सुबह स्वच्छ होकर, भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए। विष्णु भगवान के साथ ही इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा भी करें और विष्णु जी को भोग लगाएं। पूजा के अंत में आरती आपको करनी चाहिए। मोक्षदा एकादशी के व्रत का पारण करते समय आप गीता का पाठ भी कर सकते हैं, क्योंकि इसका संबंध भगवान कृष्ण से भी है। पूजा समाप्ति के बाद, भगवान को लगाए गए भोग से कुछ हिस्सा लेकर आपको पारण करना चाहिए। इस दिन चावल, आंवला या फिर तुलसी का पत्ता खाकर भी आप पारण कर सकते हैं। पारण करने के बाद आपको प्रसाद का वितरण घर के लोगों में भी अवश्य करना चाहिए। 

मोक्षदा एकादशी महत्व 

एकादशी का व्रत वैसे तो भगवान विष्णु और लक्ष्मी पूजा को समर्पित है। लेकिन मोक्षदा एकादशी के दिन गीता पाठ का भी बड़ा महत्व है। इसी दिन गीता का उपदेश दिया गया था, इसलिए आप भी अगर इस दिन गीता का पाठ करते हैं तो आपको ज्ञान की प्राप्ति होती है। जो जातक घर में सुख-समृद्धि चाहते हैं, उन्हें मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से लाभ होता है। इस दिन व्रत रखने से आपके पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। इसके साथ ही मोक्षदा एकादशी का व्रत आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष दिलाने वाला भी है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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