
मौनी अमावस्या की तिथि को ही महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान आयोजित हो रहा है। ऐसे में प्रयागराज में काफी भीड़ बढ़ने की संभावना है। लोग बड़ी संख्या में संगम स्नान का पुण्य प्रयागराज पहुंचकर उठा रहे हैं। मान्यता है कि इस दिन दान से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही मौनी अमावस्या की तिथि में पितृ दोष से मुक्ति के लिए लोग श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान भी करते हैं। माना जाता है कि इस दिन पितृ धरती पर आते हैं। ऐसे में सवाल है कि मौनी अमावस्या के दिन किस समय स्नान-दान करें जिससे हमें पुण्य की प्राप्ति हो।
मौनी अमावस्या की तिथि
हिंदू पंचांग के मुताबिक, माघ माह में अमावस्या की तिथि 28 जनवरी को रात 7.35 बजे शुरू होगी, जो 29 जनवरी की शाम 06.05 बजे तक रहेगी। हिंदू धर्म में हमेशा शुभ तिथियों को उदया तिथि से महत्व दिया जाता है। ऐसे में मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी।
कब करें स्नान और दान?
29 जनवरी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है। अगर मुहूर्त की बात करें तो 29 जनवरी को प्रात: 05.25 बजे से 06.18 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त है, इस दौरान स्नान और दान करने से कई गुना पुण्य मिलेंगे। अगर आप सुबह स्नान और दान नहीं कर पा रहे हैं तो, दोपहर 2.22 बजे से 03.05 बजे तक विजय मुहूर्त लग रहा है, ऐसे में आपको पुण्य मिलेगा। इसके अलावा, शाम 05.55 बजे से 06 22 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त है। इस दौरान भी अगर आप स्नान और दान करते हैं तो भी उत्तर रहेगा।
किस समय न करें स्नान और दान?
मौनी अमावस्या के दिन ही सुबह 11.34 बजे से राहुकाल लग जाएगा, जो दोपहर 01.55 बजे तक रहेगा। ऐसे में इस दौरान किसी भी व्यक्ति को स्नान और दान नहीं करना चाहिए। हिंदू धर्म में राहुकाल के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से वर्जित किया गया है। ऐसे में इस समय स्नान और दान बिल्कुल भी न करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)