Monday, March 31, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. त्योहार
  4. मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के बाद जरूर पढ़ें यह चालीसा, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के बाद जरूर पढ़ें यह चालीसा, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

मौनी अमवस्या के दिन गंगा स्नान करने के बाद गरीबों में दान आदि जरूर करना चाहिए। इसके अलावा, स्नान के बाद जातक को पितृ दोष से छुटकारा पाने हेतु पितृ चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jan 28, 2025 10:14 IST, Updated : Jan 28, 2025 10:28 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : INDIA TV मौनी अमावस्या के दिन पढ़ें पितृ चालीसा

मौनी अमावस्या के दिन सभी श्रद्धालुओं को गंगा या अन्य पवित्र नदी स्नान कर दीप, दान जरूर करना चाहिए। माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं। इस साल मौनी अमावस्या का महत्व अधिक  हो गया है क्योंकि यह महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान के दिन पड़ रहा है। मौनी अमावस्या के दिन पुण्य प्राप्ति के लिए पवित्र नदियों में स्नान और गरीबों को दान का विधान है।

इसके अलावा, जातक को पितरों की आत्मा की शांत के लिए इस दिन तर्पण, पिंडदान व जल जरूर देना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन जातक पितरों के आशीष से पितृ दोष से भी मुक्ति पा सकता है। ऐसे में अगर आप पितृ को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पवित्र स्नान के बाद पितृ चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे आपके पितृ खुश होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे। 

।। पितृ चालीसा।।

दोहा :-

हे पितरेश्वर आपको, दे दियो आशीर्वाद।

चरणाशीश नवा दियो, रख दो सिर पर हाथ॥

सबसे पहले गणपत, पाछे घर का देव मनावा जी।
हे पितरेश्वर दया राखियो, करियो मन की चाया जी॥

॥ चौपाई ॥

पितरेश्वर करो मार्ग उजागर। चरण रज की मुक्ति सागर॥
परम उपकार पित्तरेश्वर कीन्हा। मनुष्य योणि में जन्म दीन्हा॥

मातृ-पितृ देव मनजो भावे। सोई अमित जीवन फल पावे॥
जै-जै-जै पित्तर जी साईं। पितृ ऋण बिन मुक्ति नाहिं॥

चारों ओर प्रताप तुम्हारा। संकट में तेरा ही सहारा॥
नारायण आधार सृष्टि का। पित्तरजी अंश उसी दृष्टि का॥

प्रथम पूजन प्रभु आज्ञा सुनाते। भाग्य द्वार आप ही खुलवाते॥
झुंझुनू में दरबार है साजे। सब देवों संग आप विराजे॥

प्रसन्न होय मनवांछित फल दीन्हा। कुपित होय बुद्धि हर लीन्हा॥
पित्तर महिमा सबसे न्यारी। जिसका गुणगावे नर नारी॥

तीन मण्ड में आप बिराजे। बसु रुद्र आदित्य में साजे॥
नाथ सकल संपदा तुम्हारी। मैं सेवक समेत सुत नारी॥

छप्पन भोग नहीं हैं भाते। शुद्ध जल से ही तृप्त हो जाते॥
तुम्हारे भजन परम हितकारी। छोटे बड़े सभी अधिकारी॥

भानु उदय संग आप पुजावैं। पांच अंजुलि जल रिझावे॥
ध्वज पताका मण्ड पे है साजे। अखण्ड ज्योति में आप विराजे॥

सदियों पुरानी ज्योति तुम्हारी। धन्य हुई जन्म भूमि हमारी॥
शहीद हमारे यहाँ पुजाते। मातृ भक्ति सन्देश सुनाते॥

जगत पित्तरो सिद्धान्त हमारा। धर्म जाति का नहीं है नारा॥
हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई। सब पूजे पित्तर भाई॥

हिन्दु वंश वृक्ष है हमारा। जान से ज्यादा हमको प्यारा॥
गंगा ये मरुप्रदेश की। पितृ तर्पण अनिवार्य परिवेश की॥

बंधु छोड़ना इनके चरणां। इन्हीं की कृपा से मिले प्रभु शरणा॥
चौदस को जागरण करवाते। अमावस को हम धोक लगाते॥

जात जडूला सभी मनाते। नंदीमुख श्राद्ध सभी करवाते॥
धन्य जन्म भूमि का वो फूल है। जिसे पितृ मण्डल की मिली धूल है॥

श्री पित्तर जी भक्त हितकारी। सुन लीजे प्रभु अरज हमारी॥
निशदिन ध्यान धरे जो कोई। ता सम भक्त और नहीं कोई॥

तुम अनाथ के नाथ सहाई। दीनन के हो तुम सदा सहाई॥
चारिक वेद प्रभु के साखी। तुम भक्तन की लज्जा राखी॥

नाम तुम्हारो लेत जो कोई। ता सम धन्य और नहीं कोई॥
जो तुम्हारे नित पांव पलोटत। नवों सिद्धि चरणा में लोटत॥

सिद्धि तुम्हारी सब मंगलकारी। जो तुम पे जावे बलिहारी॥
जो तुम्हारे चरणा चित्त लावे। ताकी मुक्ति अवसी हो जावे॥

सत्य भजन तुम्हारो जो गावे। सो निश्चय चारों फल पावे॥
तुमहि देव कुलदेव हमारे। तुम्हीं गुरुदेव प्राण से प्यारे॥

सत्य आस मन में जो होई। मनवांछित फल पावें सोई॥
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई। शेष सहस्र मुख सके न गाई॥

मैं अतिदीन मलीन दुखारी। करहु कौन विधि विनय तुम्हारी॥
अब पित्तर जी दया दीन पर कीजै। अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै॥

दोहा:-

पित्तरों को स्थान दो, तीरथ और स्वयं ग्राम।
श्रद्धा सुमन चढ़ें वहां, पूरण हो सब काम॥

झुंझुनू धाम विराजे हैं, पित्तर हमारे महान।
दर्शन से जीवन सफल हो, पूजे सकल जहान॥

जीवन सफल जो चाहिए, चले झुंझुनू धाम।
पित्तर चरण की धूल ले, हो जीवन सफल महान॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement