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Mauni Amavasya 2024: आखिर क्यों रखा जाता है मौनी अमावस्या में मौन व्रत? जानिए क्या हैं इसका महत्व

हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। माघ माह में पड़ने वाली मौनी अमावस्या में स्नान-दान और व्रत करने से पुण्य प्राप्त होता है। मौनी अमावस्या में मौन व्रत क्यों रखा जाता है, क्या है इसका धार्मिक महत्व और नियम आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ विस्तारपूर्वक।

Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: February 09, 2024 7:03 IST
Mauni Amavasya 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Mauni Amavasya 2024

Mauni Amavasya Vrat 2024: माघ में पड़ने वाली मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व है। अमावस्या तिथि खास तौर पर पितरों को समर्पित होती है। जिन लोगों के जीवन में पितृ दोष लगा रहता है वह अमावस्या तिथि को अपने पितरों के निमित्त दान-पुण्य कर पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए अनेक प्रकार के उपाय करते हैं। इस बार माघ माह की मौनी अमावस्या 9 फरवरी 2024 के दिन मनाई जाएगी। क्या आप जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से क्या होता है और क्या है मौन व्रत रखने का महत्व? आइए जानते हैं इसके बारे में।

मौन व्रत रखने का महत्व

  • मन का नियंत्रण- चंद्रमा मन सो जायत: ज्योतिष में चंद्र देव मन के कारक देव माने जाते हैं। मौनी अमावस्या के दिन चंद्र देव उदय नहीं होते हैं और न ही आकाश में इस दिन दिखाई देते हैं। चंद्रमा का मन पर अधिपत होने के नाते ऐसे में मन की स्थिति बिगड़ सकती है। मान्यता है कि ऐसे में मन को एकाग्र और नियंत्रित रखने के लिए इस दिन मौन व्रत रहकर अपने मन को नियंत्रित करा जा सकता है। ऐसा करने से मन शांत रहता।
  • वाणी में आती है शुद्धता- मधुर वाणी से व्यक्ति की पहचान होती है। अपनी वाणी से मनुष्य विचारों और भावनाओं को व्यक्त करता है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन जो लोग मौन रहते हैं और इस दिन कुछ भी नहीं बोलते हैं। ऐसा करने से उनकी वाणी की शुद्धि होती है और समाज में मान-प्रतिष्ठा बड़ती है। साथ ही वाणी के प्रभाव से हर कार्य में सफलता भी पाई जा सकती है।
  • मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग- मौन रहने से व्यक्ति का मन शांत होता है और आध्यात्मिक प्राप्ति के लिए शांत मन से  ध्यान लगाने में आसानी होती है। शास्त्रों के अनुसार मौन व्रत रखने से व्यक्ति आत्म साक्षात्कार कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है और उसे मोक्ष का मार्ग भी मिल जाता है।

मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने पर इन नियमों का करें पालन 

  • अगर आप मौनी अमावस्या के दिन मौन रहना चाहते हैं तो इस दिन प्रातः उठ कर तीर्थस्नान करें।
  • यदि तीर्थ स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर में ही नहाने के पानी मं गंगाजल डालकर स्नान करें।
  • स्नान आदि से निवृत हो कर मौन व्रत रखने का संक्लप लें, एकबार मौन व्रत का संकल्प ले लिया तो मुख से कुछ भी न बोलें वरना आपका व्रत खंडित हो जाएगा।
  • मौनी अमावस्या की तिथि समाप्त होने के बाद ही अपना मौन व्रत खोलें। धार्मिक मान्यता के अनुसार मौन व्रत को भगवान के नाम से ही बोलते हुए खोलना चाहिए।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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