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मौनी अमावस्या पर गंगा में डूबकी लगाने के लिए क्यों उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़? जानिए पौराणिक महत्व

Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या के मौके पर लोग गंगा या किसी भी पवित्र नदी में डूबकी लगाने जरूर जाते हैं। अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से कई गुना शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Jan 20, 2023 21:30 IST, Updated : Jan 20, 2023 21:30 IST
Mauni Amavasya 2023
Image Source : INDIA TV Mauni Amavasya 2023

Mauni Amavasya Ganga Snan Significance: इस साल मौनी अमावस्या का पावन दिन शनिवार, 21 जनवरी को है। माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। जो भी व्यक्ति गंगा स्नान के साथ भगवान नारायण की पूजा करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही हर मनोकामना भी पूर्ण होती है।

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मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व

मान्यताओं के अनुसार जो पुण्यफल किसी व्यक्ति को करोड़ स्नान- दान करने के बाद मिलता है, वह इस योग में केवल एक बार किसी तीर्थ स्थल पर या पवित्र नदी में स्नान करने से ही प्राप्त हो जाता है। अतः मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का बड़ा ही महत्व है। स्नान-दान का सबसे ज्यादा महत्व सुबह के समय होता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सारे काम पूरे होते हैं।

मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। आगर ऐसा ना कर सके तो घर में ही स्नान के पानी में गंगा जल डाल कर स्नान करना चाहिए है। इसके अलावा पितृ तर्पण करने के लिए नदी या घर में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए।  इसके बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।  गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पितर अपने वंशजों से मिलने जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान, दान व

पितरों को भोजन अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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