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Mata Lakshmi Brother: कौन हैं मां लक्ष्मी का भाई? जानिए इनके बिना क्यों अधूरी होती है हर पूजा

Mata Lakshmi Brother: दिवाली के दिन घर में माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसा कहते हैं कि दीपावली पर लक्ष्मी की पूजा से धन-संपत्ति का वरदान प्राप्ति होता है। लेकिन क्या आपने कभी माता लक्ष्मी के भाई के बारे में सुना है, जिनके बिना कोई भी पूजा या अनुष्ठान बिल्कुल अधूरा है।

Edited By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Published : Oct 15, 2022 17:02 IST, Updated : Oct 15, 2022 17:02 IST
Mata Lakshmi Brother
Image Source : FREEPIK Mata Lakshmi Brother

Highlights

  • कार्तिक मास की पूर्णिमा को माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है।
  • घर में पूजा के समय शंख के इस्तेमाल से जीवन में खुशहाली आती है।

Mata Lakshmi Brother:  कार्तिक मास की पूर्णिमा को माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ज्यादातर लोगों को ये मालूम है कि दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा से धन-संपन्नता का वरदान प्राप्त होता है।  कहते हैं कि जिस घर में माता लक्ष्मी के चरण पड़ जाते हैं, वहां कभी रुपये-पैसे की कमी नहीं होती है। लेकिन क्या जानते हैं कि माता लक्ष्मी का एक भाई भी है जिसके बिना मंदिर, अनुष्ठान और धार्मिक स्थलों पर पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए आज आपको बताते हैं कि माता लक्ष्मी का भाई कौन है और उनके प्रयोग से क्या लाभ मिलता है। 

सनातन धर्म की मान्यताओं की अनुसार, देवी लक्ष्मी की तरह शंख का अवतरण भी सागर से ही हुआ, इसलिए धर्म ग्रंथों में शंख को देवी लक्ष्मी का भाई बताया गया है।  यही वजह से माता लक्ष्मी के हाथों में हर समय एक शंख दिखाई देता है। जिस तरह घर में माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है, ठीक उसी तरह उनके भाई का पूजा में प्रयोग जबरदस्त लाभ देता है। 

घर में शंख रखने के लाभ

घर में पूजा के समय शंख के इस्तेमाल से जीवन में खुशहाली आती है।  धन प्राप्ति के साथ सुख-शांति का वरदान प्राप्त होता है। ऐसा कहते हैं कि शंख से निकलने वाली ध्वनि के कान में पड़ने से अरोग्य का वरदान प्राप्त होता है। ज्योतिषविदों का मानना है कि प्रतिदिन शंख बजाने से खांसी, अस्थमा, पीलिया या ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या खत्म हो जाती है।

घर में कब लेकर आएं शंख?

भगवान विष्णु के दाहिने हाथ में तो भगवान शिव के बाएं हाथ में शंख दिखाई देता है। कहते हैं कि शंख के नाम देवताओं के नाम पर रखे गए हैं, जैसे- दक्षिणावर्त शंख, वामावर्ति शंख, गणेश शंख, गौमुखी शंख, कौरी शंख, मोती शंख, हीरा शंख। शंख घर में लाने के लिए शिवरात्रि या नवरात्रि का समय सबसे अच्छा माना जाता है।  लेकिन आप चाहें तो धनतेरस और दिवाली के दिन भी शंख लेकर आ सकते हैं। 

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