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Chaitra Navratri Day 7: भय और कष्टों को दूर करने वाली हैं माता कालरात्रि, नवरात्रि के सातवें दिन ऐसे करें माता की पूजा, बरसेगी कृपा

Chaitra Navratri Day 7: माता कालरात्रि भक्तों को भय और कष्ट से मुक्ति दिलाने वाली हैं। नवरात्रि के सातवें दिन इनकी पूजा कैसे करनी चाहिए और पूजा से क्या लाभ आपको प्राप्त हो सकते हैं, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published on: April 15, 2024 6:00 IST
Mata Kalratri - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Mata Kalratri

नवरात्रि की सप्तमी तिथि के दिन माता कालरात्रि की पूजा का विधान है। माता को शुभंकरी नाम से भी जाना जाता है। जो भक्त माता की विधि-विधान से पूजा करते हैं उनको माता भय से मुक्ति दिलाती हैं साथ ही सभी कष्टों को भी दूर करती हैं। मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए आपको सप्तमी तिथि के दिन क्या करना चाहिए, पूजा की विधि क्या है और माता की उपासना से कैसे फल प्राप्त होते हैं, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं। 

नवरात्रि के सातवें दिन ऐसे करें माता कालरात्रि की पूजा 

माता कालरात्रि की पूजा से पहले आपको स्नान-ध्यान कर लेना चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर माता की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। तत्पश्चात माता के समक्ष घी का दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाने के बाद माता को अक्षत, चंदन, रोली आदि अर्पित करें, साथ ही रात की रानी के फूल भी आप मां को चढ़ा सकते हैं। माता को भोग के रूप में गुड़ से बनी चीजें आपको अर्पित करनी चाहिए, माता को गुड़ से बनी चीजें अतिप्रिय हैं। पूजा के दौरान आपको माता के मंत्रों का जप भी करना चाहिए, इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ भी आप कर सकते हैं। अंत में माता की आरती आपको करनी चाहिए। 

माता कालरात्रि को इन मंत्रों से करें प्रसन्न

  • क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
  • देवी कालरात्र्यै नमः।
  • या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

  • ज्वाला कराल अति उग्रम शेषा सुर सूदनम।
    त्रिशूलम पातु नो भीते भद्रकाली नमोस्तुते।।
  • ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।' (रात्रि के समय इस मंत्र के जप से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं)

माता कालरात्रि प्रसन्न होने पर देती हैं ऐसे फल 

माता कालरात्रि का स्वरूप अति भयानक है। ऐसा माना जाता है कि काल भी माता कालरात्रि से घबराता है। लेकिन माता अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बरसती हैं। माता दुष्टों का नाश करने वाली हैं लेकिन अपने भक्तों पर हमेशा शुभ और ममतामयी दृष्टि बनाए रखती हैं इसलिए माता को शुभंकरी के नाम से भी जाना जाता है।  जो भी व्यक्ति माता कालरात्रि की पूजा करता है उसे समस्त भयों से मुक्ति मिलती है। अगर आपको किसी भी प्रकार का भय है तो माता की पूजा करने से दूर होता है। माता की पूजा से शत्रुओं का भी नाश होता है। माता की साधना से भक्तों को भविष्य देखने की भी शक्ति प्राप्त हो सकती है। जो लोग तंत्र-मंत्र की साधना कर रहे हैं उनको भी माता की पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। साथ ही योग साधना के मार्ग पर अग्रसर लोगों को भी माता की पूजा से अच्छे अनुभव प्राप्त हो सकते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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