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Masik Shivratri Vrat 2024: भाद्रपद मासिक शिवरात्रि के दिन इसी मुहूर्त में करें भगवान शिव की पूजा, मनचाहे फलों की होगी प्राप्ति

Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि के दिन भोले शंकर की उपासना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऐसे में जान लीजिए कि मासिक शिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या है।

Written By: Vineeta Mandal
Published on: August 31, 2024 19:52 IST
Masik Shivratri 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Masik Shivratri 2024

Masik Shivratri Vrat 2024: 1 सितंबर, रविवार को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। यह व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। इस दिन शिवजी की पूजा-अर्चना करना अत्यंत फलदायी माना गया है। कहते हैं कि जो भी भक्त मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रख विधिपूर्वक महादेव की पूजा करता है उसे मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान भी निकल जाता है। मासिक शिवरात्रि के दिन  भगवान शंकर को बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जप किया जाता है। तो आइए जानते हैं कि मासिक शिवरात्रि की पूजा किस मुहूर्त में करना फलदायी होगा।

मासिक शिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त

बता दें कि प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ति​थि का आरंभ 1 सितंबर को तड़के 3 बजकर 40 मिनट से होगी। चतुर्दशी ति​थि समाप्त 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर होगी।  भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि का व्रत 1 सितंबर को रखा जाएगा। 

मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व

मान्यता है कि जो भक्त मास शिवरात्रि का व्रत करते हैं, भगवान शिव उनसे प्रसन्न होकर उनके सभी कामों को सफल बनाते हैं। उनके दांपत्य जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है। साथ ही अविवाहित जातक के विवाह में आ रही अड़चनें दूर हो जाती है और सुयोग्य वर या वधू की प्राप्ति होती है।

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

  • मासिक  शिवरात्रि के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें। 
  • इसके बाद व्रत का संकल्प लें। 
  • अब मंदिर की सफाई कर गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें। 
  • फिर शिवलिंग, भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। 
  • शिवलिंग पर गंगाजल बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग अर्पित करें।
  • महादेव के सामने घी या तेल का दीया जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। 
  • इसके बाद शिवजी की आरती करें और बाद में मंत्रों का जप करें।

शिव जी के इन मंत्रों का करें जप 

  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।  उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
  • ॐ नमः शिवाय
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
  • ॐ नमो भगवते रुद्राय।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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