Masik Durga Ashtami 2024: हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित होती है। हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। देवी भक्त इस दिन मां दुर्गा की नियमित रूप से पूजा एवं व्रत रखते हैं। मान्यता है कि जो भक्त शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली मासिक दुर्गा अष्टमी को माता रानी के निमित उपवास रखते हैं और विधि पूर्वक पूजा करते हैं, उनके सभी मनोरथ मां दुर्गा पूर्ण करती हैं। माघ के इस माह में पड़ने वाली मासिक दुर्गा अष्टमी बड़ी शुभ मानी जा रही है।
इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में इस दिन विशेष रूप से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि का लाभ होगा। आइए जानते हैं हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार माघ माह की मासिक दुर्गाष्टमी कब मनाई जाएगी और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त।
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त
- मासिक दुर्गाष्टमी- 17 फरवरी 2024 दिन शनिवार
- अष्टमी तिथि प्रारंभ का समय- 16 फरवरी 2024 दिन शुक्रवार प्रातः 8 बजकर 54 मिनट से शुरू।
- अष्टमी तिथि समापन का समय- 17 फरवरी 2024 दिन शनिवार प्रातः 8 बजकर 15 मिनट पर समाप्ति।
क्यों खास है माघ माह की मासिक दुर्गाष्टमी?
इस बार माघ माह में पड़ने वाली मासिक दुर्गाष्टमी इसलिए शुभ मानी जा रही है क्योंकि इस दिन हिंदू पंचांग के अनुसार रवि योग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। मान्यता है कि यह दोनों योग किसी भी धार्मिक कार्य के लिए बहुत शुभ होते हैं। इस योग में की गई पूजा कभी भी निष्फल नहीं होती है। रवि योग में किया हुआ कार्य सूर्य देव की तरह प्रकाशित होता है और सर्वार्थ सिद्धि योग में किया हुआ कार्य सिद्ध होता है, अर्थात वह सफल होता है। ऐसे में यदि आप इस दिन नियमित रूप से शुभ मुहूर्त के अनुसार माता रानी की पूजा करते हैं, तो निश्चित ही आपकी उपासना सफल होगी और जीवन सुख-संपन्नता से फलता-फूलता रहेगा।
मासिक दुर्गा अष्टमी की पूजा विधि
- सबसे पहले स्नान आदि से निवृत हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- स्नान के बाद हाथ में जल से आचमन कर के देवी मां की पूजा का संकल्प लें, अगर व्रत रख रहे हैं तो उसके लिए भी संकल्प साथ में ही कर लें।
- पूजा घर में चौकी पर नया लाल वस्त्र बिछा लें और उस पर मां देवी की प्रतिमा को विराजित करें।
- देवी मां की पूजा करने से पहले शंख बजाकर देवी मां का अह्वान करें।
- इसके बाद देवी मां की प्रतिमा के सम्मुख बैठ कर उन्हें अक्षत, लाल फूल, मौली, रोली, इलायची, सुपारी, लौंग और इत्र आदि पूजा सामग्रियां अर्पित करें।
- देवी मां को भोग में मेवे-मिष्ठान चढ़ाएं।
- इतना सब करने के बाद फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। फिर उसके बाद देवी मां की आरती करें।
- इस तरह विधिपूर्वक देवी मां की उपासना करने से वह अपने भक्तों को प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती है और जीवन में अपार संपन्नता का सुख प्राप्त होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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