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Margashirsha Month 2023: मार्गशीर्ष माह आज से शुरू, अगर चाहते हैं भगवान कृष्ण की कृपा तो इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान

आज से मार्गशीर्ष का पावन महीना शुरू हो चुका है। यह महीना भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। यहां तक की उन्होनें गीता में स्वयं कहा है कि महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। तो इस माह श्री कृष्ण की कृपा पाने के लिए इन बातों का ध्यान अवश्य रखें।

Written By: Aditya Mehrotra
Published : Nov 28, 2023 10:53 IST, Updated : Nov 28, 2023 18:45 IST
Margashirsha Month 2023
Image Source : INDIA TV Margashirsha Month 2023

Margashirsha Month 2023: हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने का अपना एक महत्व होता है। इसी प्रकार आज से शुरू होने वाले मार्गशीर्ष माह का भी अपना एक अलग महत्व है। इस महीने को अगहन भी कहा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक की पूर्णिमा तिथि समाप्त होने के बाद मार्गशीर्ष का महीना शुरु हो जाता है। आज 28 नवंबर 2023 दिन मंगलवार को मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और इसी के साथ यह मास आरंभ हो चुका है।

जिस प्रकार कार्तिक भगवान नारायण का प्रिय माह होता है उसी प्रकार से मार्गशीर्ष का यह महीना भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होता है। इस महीने जो भी भक्त श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं। उनका नाम जप करते हैं, स्नान-दान करते हैं और उनका चिंतन करते हैं उन पर सदैव मुरलीधर कृष्ण की कृपा रहती है। उन भक्तों को जीवन के सारे भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। तो आइए अब बात करते हैं इस महीने वो कौन सी 5 बातें है जिनका ध्यान रखने से इस पूरे महीना का फल प्राप्त होता है।

प्रातःकाल तीर्थ स्नान

पुराणों में इस महीने की बड़ी दिव्य महिमा बताई गई है। लिखा है कि इस महीने तीर्थ स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ती होती है। यदी पूरे महीने तीर्थ स्नान नहीं कर सकते तो कम से कम 3 दिन तो तीर्थ स्नान करना ही चाहिए। यह स्नान ब्रह्म मुहूर्त में ही सुबह उठ कर करना चाहिए। ऐसा करने से मनोवांछित फलों की पूर्ती होती है और श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। यदि आप तीर्थ स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में किसी तीर्थ नदी का जल मिला लें।

शंख की पूजा से मिलेगा शुभ फल

जैसा की आपको पता ही की श्री कृष्ण ने गीता में स्वयं यह कहा था कि महीने में मैं मार्गशीर्ष हूं और यह मुझे अति प्रिय है और भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के समय अपने होथों में पाञ्चजन्य शंख धारण किया था। इस महीने जो भी शंख का पूर्ण विधि विधान के साथ पूजा करता है। उसके घर सुख-समृद्धि का वास होता है। इसी के साथ मार्गशीर्ष के महीने में आप नित्य शंख में गंगाजल भरें और जब भगवान कृष्ण की पूजा कर लें। तो उसके बाद शंख में रखें गंगाजल का पूरे घर में छिड़काव कर लें। ऐसा करने से आपके घर में न तो वास्तु दोष लगेगा और न ही नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करेंगी।

गीता के श्लोक का पूरे महीने करें पाठ

मार्गशीर्ष के महीने में ही श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश अर्जुन को दिया था। इसलिए गीता जंयती हर साल मार्गशीर्ष के महीने में ही मनाई जाता है। वैसे भी मार्गशीर्ष का यह महीना भगवान कृष्ण को समर्पित है। तो इस पूरे माह गीता पढ़ना बेहद लाभाकारी साबित होगा और श्री कृष्ण आपसे शीघ्र प्रसन्न होंगे।

जप, तप और मंत्र 

यह पूरा महीना भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और इस माह भगवान के नाम का जाप करना, व्रत, स्नान-दान और उनके निमित्त उनके मंत्रों का विधिपूर्वक 108 दाने वाली तुलसी की माला पर  नित्य जाप करने से जीवन में परिवर्तन होता ही है साथ ही ऐसे भक्त का साथ श्री कृष्ण कभी नहीं छोड़ते और आपकी सारी मनोकामनाएं कान्हा की कृपा से पूर्ण होती हैं।

तुलसी पूजा का महत्व

भगवान कृष्ण श्री हरि का ही अवतार हैं और उन्हें भी तुलसी जी सदैव प्रिय हैं। यहां तक की वृंदावन धाम तो तुलसी जी के पूर्व जन्म के नाम से ही जाना जाता है। जहां श्री कृष्ण और राधा रानी की दिव्य लीलाएं हुई हैं। इसलिए जिस भी घर में इस पूरे महीने तुलसी जी की पूजा एवं आरती विधिपूर्वक होती है। वहां सदेव धन-ऐश्वर्य बना रहता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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