Margashirsha Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साल में कुल 12 अमावस्या तिथियां होती हैं जिनमें से एक है मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि। इस अमावस्या तिथि को धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए बेहद खास माना गया है। इस दिन पितरों की पूजा के साथ ही दान, पुण्य करने से भी आपको कई शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साल 2024 में मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि 1 दिसंबर को है। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए आपको क्या कार्य करने चाहिए और इससे आपको जीवन में कैसे फलों की प्राप्ति हो सकती है आइए जानते हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2024
मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि साल 2024 में 30 नवंबर की सुबह 10 बजकर 29 मिनट से शुरू हो जाएगी। अमावस्या तिथि की समाप्ति 1 दिसंबर की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगी। यानि अमावस्या तिथि 30 नवंबर और 1 दिसंबर दोनों ही दिन है। इस स्थिति में उदयातिथि पर विचार किया जाता है। धार्मिक शास्त्रों में उदयातिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। मार्गशीर्ष अमावस्या की उदयातिथि 1 नवंबर 2024 को है, इसीलिए अमावस्या का व्रत इसी दिन रखा जाना सही माना जाएगा।
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन करें ये काम पितृ होंगे प्रसन्न
- अमावस्या तिथि को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करन के लिए बेहद अहम माना जाता है। इस दिन आपको गाय की सेवा करनी चाहिए और गाय को दी जाने वाली रोटी में गुड़ रखकर खिलाना चाहिए। ऐसा करने से पितरों के साथ ही देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी आपको प्राप्त होता है। इस दिन गौ दान करना भी शुभ माना जाता है।
- मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन आपको तुलसी के सामने दीपक जलाकर उनकी पूजा आराधना करने से भी लाभ मिलता है। ऐसा करने से आपके जीवन के कई संकट दूर होते हैं, पितृ आप पर कृपा दृष्टि बनाते हैं और पितृ दोष से भी आपको मुक्ति मिलती है। साथ ही दुख-दरिद्रता भी दूर होती है।
- मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन अगर आप पितरों की आत्मा की शांति के लिए गुरुड़ पुराण का पाठ करते हैं, तो इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। गरुड़ पुराण का पाठ करने से पितरों की अतृप्त आत्माएं तृप्त हो जाती हैं, पितृ आत्माओं को मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इसके साथ ही गरुड़ पुराण का पाठ करने से भगवान विष्णु भी आप पर कृपा बरसाते हैं।
- अमावस्या तिथि पर दीपदान का भी बड़ा महत्व है। साल 2024 में मार्गशीर्ष अमावस्या की शाम को आप 5 बजकर 25 मिनट के बाद दीप दान कर सकते हैं। आप मंदिर में दीप जलाकर भी पितरों के निमित्त दीप दान कर सकते हैं और घर के दक्षिणी कोने में दीपक जलाकर भी पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं। दीप दान करने से कई तरह के दोषों से आपको मुक्ति मिलती है और पितृ कृपा से आपके संकट भी दूर होते हैं। माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद जलाए गए दीपक पितृ देवताओं को उनके लोक में जाने का रास्ता दिखाते हैं।
- हिंदू धर्म में अन्नदान को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन आपको भी सामर्थ्य अनुसार अन्न का दान अवश्य करना चाहिए। इस दिन पितरों को तर्पण देने के बाद गेहूं, चावल, दाल आदि का दान आप कर सकते हैं। अगर आप खुद भोजन बनाकर जरूरतमंद लोगों में बांट सकें तो इसे और भी शुभ फलदायक माना गया है। अन्नदान करने से भी पितरों की आत्मा तृप्त होती है। ऐसा करने से आपके बिगड़े काम भी बनने लगते हैं और भाग्य भी आपका साथ देता है। जीवन के कई दुखों से आपको छुटकारा मिलता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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