Mangalwar ke Upay: आज श्रावणशुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि और मंगलवार का दिन है। द्वादशी तिथि आज शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। आज रात 11 बजकर 36 मिनट तक विष्कुम्भ योग रहेगा। इस योग में शुरू किये गये कार्यों में व्यवधान आने की सम्भावना बनी रहती है। साथ ही इस योग में किये गये कार्यों से शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होती है। साथ ही आज दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक मूल नक्षत्र रहेगा। आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से मूल 19वां नक्षत्र है। मूल का अर्थ होता है- केन्द्रीय बिन्दु या जड़।
इसके अनुसार एक साथ बंधी हुई कुछ पौधों की जड़ों को मूल नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है । यह नक्षत्र बहुत से रहस्यों, गुप्त विद्याओं तथा अदृश्य शक्तियों के साथ जुड़ा रहता है। इस नक्षत्र की एक खासियत ये भी है कि जिस प्रकार किसी पेड़ को काट देने के बाद भी वह अपनी जड़ों के माध्यम से अपने शरीर को पुनः प्राप्त कर लेता है, उसी प्रकार मूल नक्षत्र भी अपनी खोई हुई शक्ति और आधिपत्य को पुनः प्राप्त कर लेने की क्षमता रखता है। साथ ही आपको बता दूं कि मूल नक्षत्र का पेड़ साल है, जो कि श्री विष्णु भगवान को बहुत ही प्रिय है। बौद्ध धर्म में भी साल को पवित्र पेड़ों की श्रेणी में रखा जाता है। कहते हैं रानी माया ने साल के वृक्ष के नीचे ही महात्मा गौतम बुद्ध को जन्म दिया था। अतः आज के दिन मूल नक्षत्र के दौरान साल के पेड़ की पूजा करना बड़ा ही लाभकारी होगा। खासकर कि उन लोगों के लिये, जिनका जन्म मूल नक्षत्र में हुआ है। अगर मूल नक्षत्र के जातकों की बात की जाये, तो ये लोग आमतौर पर अपने लक्ष्य के प्रति केन्द्रित होते हैं। ये कठिन से कठिन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तब तक प्रयास करते रहते हैं, जब तक कि अपने लक्ष्य को प्राप्त न कर लें।
श्रावण मास में जितने भी मंगलवार पड़ते हैं उन सभी को मंगला गौरी व्रत करने का विधान है। यह व्रत मंगलवार को पड़ता है और इस व्रत में माता गौरी अर्थात् पार्वती जी की पूजा की जाती है, जिसके कारण इस व्रत को मंगला गौरी व्रत कहते हैं। मंगला गौरी व्रत को मोराकत व्रत के नाम से भी जाना जाता है । पुराणों के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती को श्रावण मास अति प्रिय है। इसीलिए श्रावण मास के सोमवार को शिव जी और मंगलवार को माता गौरी अर्थात् पार्वती जी की पूजा को शास्त्रों में बहुत ही शुभ व मंगलकारी बताया गया है। मंगला गौरी व्रत के प्रभाव से विवाह में हो रहे विलंब समाप्त हो जाते हैं तथा जातक को मनचाहे जीवन-साथी की प्राप्ति होती हैं। दांपत्य जीवन सुखी रहता है तथा जीवन-साथी के प्राणों की रक्षा होती है, पुत्र की प्राप्ति होती है, गृहक्लेश समाप्त होता है, डाइवोर्स तथा सेपरेशन से संबन्धित ज्योतिष योग शांत होते हैं, अकाल मृत्यु योग समाप्त होता है, तीनों लोकों में ख्याति मिलती है, सुख - सौभाग्य में वृद्धि होती है । इस व्रत को विवाहिता प्रथम श्रावण में पिता के घर (पीहर) में तथा शेष चार वर्ष पति के घर (ससुराल) में करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार जो स्त्रियां सावन मास में मंगलवार के दिन व्रत रखकर मंगला गौरी की पूजा करती हैं, उनके पति पर आने वाला संकट टल जाता है और वह लंबे समय तक दांपत्य जीवन का आनंद प्राप्त करती हैं।
Chanakya Niti: इन लोगों के पास कभी नहीं टिकता पैसा, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति
इस दिन व्रती को नित्य कर्मों से निवृत्त होकर संकल्प करना चाहिए कि मैं संतान, सौभाग्य और सुख की प्राप्ति के लिए मंगला गौरी व्रत का अनुष्ठान कर रही हूं। तत्पश्चात आचमन एवं मार्जन कर चैकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता की प्रतिमा व चित्र के सामने उत्तराभिमुख बैठकर प्रसन्न भाव में एक आटे का दीपक बनाकर उसमें सोलह बातियां जलानी चाहिए। इसके बाद सोलह लड्डू, सोलह फल, सोलह पान, सोलह लवंग और इलायची के साथ सुहाग की सामग्री और मिठाई माता के सामने रखना चाहिए। अष्ट गंध एवं चमेली की कलम से भोजपत्र पर लिखित मंगला गौरी यंत्र स्थापित कर विधिवत विनियोग, न्यास एवं ध्यान कर पंचोपचार से उस पर श्री मंगला गौरी का पूजन कर उक्त मंत्र- 'कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम् ।नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम्' का जप 64,000 बार करना चाहिए। उसके बाद मंगला गौरी की कथा सुनें। इसके बाद मंगला गौरी का सोलह बत्तियों वाले दीपक से आरती करें। कथा सुनने के बाद सोलह लड्डू अपनी सास को तथा अन्य सामग्री ब्राह्मण को दान कर दें। पांच साल तक मंगला गौरी पूजन करने के बाद पांचवें वर्ष के श्रावण के अंतिम मंगलवार को इस व्रत का उद्यापन करना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिन पुरुषों की कुंडली में मांगलिक योग है उन्हें इस दिन मंगलवार का व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इससे उनकी कुण्डली में मौजूद मंगल का अशुभ प्रभाव कम होगा और दांपत्य जीवन में खुशहाली आयेगी।
आज भौम प्रदोष व्रत भी है। जैसे की आप जानते है की हर माह के कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है। दरअसल द्वादशी तिथि आज शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगी उसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जायेगी, जो अगले दिन दोपहर 2 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। आप सभी जानते है की प्रदोष व्रत उसी दिन किया जाता है, जिस दिन त्रयोदशी तिथि के समय प्रदोष काल पड़ रहा हो। प्रदोष काल रात्रि के प्रथम प्रहर को, यानी सूर्यास्त के तुरंत बाद के समय को कहा जाता है और कल के दिन प्रदोष काल के समय त्रयोदशी तिथि नहीं रहेगी। अतः प्रदोष व्रत आज ही के दिन किया जायेगा। जब प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है तो भौम प्रदोष कहलाता है और भौम प्रदोष व्रत ऋण से मुक्ति के लिये किया जाता है। आज का दिन कर्ज से मुक्ति पाने के लिये बहुत ही श्रेष्ठ है। आज के दिन कुछ विशेष उपाय करके आप कर्ज के साथ ही मंगल से जुड़ी अन्य परेशानियों से भी कैसे छुटकारा पा सकते।
Vastu Tips: घर के मंदिर में इस दिशा में रखनी चाहिए पूजा की थाली, बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा
इन उपायों को करने से मिल सकता है मनोवांछित फल
- अगर आपको लगता है कि आपके करीबी बिजनेस में आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, तो एक कटोरी हरे मोटे मूंग लेकर आज पूरा दिन नमक वाले पानी में भिगोएं और अगले दिन भिगोये हुए मूंग को नमक वाले पानी में से निकालकर, साफ पानी से धोकर किसी जानवर को खिलाएं।
- अगर आप अपने अंदर योग्यता का संचार करना चाहते हैं और अपने बिजनेस में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो आज के दिन आपको 4 मुखी रुद्राक्ष की विधि-पूर्वक पूजा करके उसे धारण करना चाहिए।
- अगर बहन या बुआ के साथ आपके रिश्तों में कड़वाहट बनी हुई है, तो आज के दिन आपको अपने भोजन में से एक रोटी निकालकर अलग रखनी चाहिए और उसके तीन हिस्से करने चाहिए। अब उन तीन हिस्सों में से एक हिस्सा गाय को खिला दें, एक हिस्सा कौवे के लिये रख दें और एक हिस्सा कुत्ते को खाने के लिये दें।
- अगर आप जीवन में सुख-शांति और मनोवांछित फल की प्राप्ति करना चाहते हैं, तो आज के दिन आपकोमां दुर्गा के अर्गला स्तोत्र का पाठकरना चाहिए। आपको बता दूं कि ये स्तोत्र आपको दुर्गा सप्तशती की पुस्तक में मिलेगा, लेकिन अगर आपके पास दुर्गा सप्तशती नहीं है, तो आप चिंता मत कीजिये। आपको इंटरनेट से अर्गला स्तोत्र बड़ी ही आसानी से मिल जायेगा।
- अगर आप गणित से संबंधित, यानी जोड़ घटा आदि से संबंधित विषय में कमजोर है, तो आज के दिन आपको स्टेशनरी का काम करने वाले किसी व्यक्ति को मिट्टी से बनी कोई चीज़ गिफ्ट करनी चाहिए और अगर उस चीज़ पर तोते का चित्र बना हो या फिर आपको मिट्टी से बना तोता ही मिल जाये, तो इससे अच्छा गिफ्ट और कोई नहीं होगा।
- अगर आपके साथ अक्सर ऐसा होता है कि आप कहना कुछ चाहते हैं और कह कुछ और जाते हैं, तो ऐसी स्थिति से बचने के लिये आज के दिन आपको बुध के मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
- अगर आपके बच्चे को चीज़ें देर से समझ में आती हैं, तो आज के दिन आपको मन्दिर में ढक्कन समेत मिट्टी का घड़ा दान करना चाहिए ।
- अगर आपको अपने जीवनसाथी की तरक्की को लेकर हमेशा दुविधा बनी रहती है, तो आज के दिन तोते को हरी मिर्च खिलाएं। अगर ऐसा करना संभव ना हो, तो तोते की एक बड़ी-सी तस्वीर लाकर अपने घर की उत्तर दिशा में लगाएं और रोज उसके दर्शन करें ।
- अगर आप अपने हेल्थ इश्यूज़ से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आज के दिन गाय को हरी घास खिलाएं और गाय के अगले दो पैरों में थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर गाय माता को प्रणाम करें।
- अगर आप अपने घर को निगेटिव एनर्जी से बचाये रखना चाहते हैं, तो आज के दिन एक फिटकरी का टुकड़ा लेकर घर के मुख्य दरवाजे के पास रख दें और जब तक वह काला न पड़ जाये, उसे वहीं पर रखा रहने दें। बाद में उस फिटकरी के टुकड़े को फेंक दें।
- अगर आज के दिन आप किसी शुभ कार्य के लिये घर से बाहर जा रहे हैं, तो अपनी बहन या बेटी से आशीर्वाद लेकर जायें, साथ ही उन्हें कुछ गिफ्ट भी जरूर करें।आज के दिन ऐसा करने से आपका कार्य जरूर सफल होगा।
- अगर आप प्रकाशन का काम करते हैं या आप एक लेखक हैं, पत्रकार हैं या एक वकील हैं और आपका काम ठीक से नहीं चल रहा है, तो आज के दिन अपने घर की उत्तर दिशा में घी का दीपक जलाएं और उस दीपक की लौ को देखते हुए ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:। मंत्र का पांच बार पाठ करें। साथ ही मां दुर्गा को हरी चुनरी चढ़ाएं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता