Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति सूर्य उपासना और लोक आस्था का पर्व है। लोग इस दिन विभिन्न प्रकार के दान और तीर्थ स्नान कर के पुण्य कमाते हैं। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की विशेष उपासना करने से जीवन के सभी भौतिक सुख व्यक्ति को प्राप्त होते हैं और उसे जीवन में अपार सफलता मिलती है। इस बार मकर संक्रांति पौष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 15 जनवरी 2024 दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
इस पर्व को पोंगल, गंगा सागर स्नान, माघ बिहु और लोहड़ी आदि नामों से देश के विभिन्न राज्यों में जाना जाता है। इसी के साथ इस पर्व को उत्तरायण भी कहते हैं जिसका मुख्य कारण इस दिन सूर्य देव उत्तरदिशा की ओर 6 माह की अवधि के लिए प्रस्थान करते हैं। मकर संक्रांति वाले दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण दिशा की और उदय होना शुरू कर देते हैं। उत्तरायण का महत्व श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन से क्या बताया आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
श्री कृष्ण ने बताया उत्तरायण का महत्व
अग्निर्ज्योतिरहः शुक्लः षण्मासा उत्तरायणम्।
तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जनाः।।
भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहत हैं कि है भरतश्रेष्ठ, जिस मार्ग में ज्योति के समान प्रकाशित सूर्य देव 6 माह के लिए उत्तरायण होते हैं। उसमें जिनको दिव्य ब्रह्म ज्ञान अर्जित हो गया है वह योगी समान पुरुष उस समय प्राण त्यागते हैं तो वह ब्रह्म को प्राप्त होते हैं। अर्थात ऐसे लोगों को मुक्ति मिल जाती है और उन्हें पुनः जन्म नहीं लेना पड़ता है। इसलिए उत्तरायण के समय शरीर त्यागने वालों को जन्म चक्र से छुटकारा मिल जाता है।
मकर संक्रांति पर इन बातों का भी दें ध्यान
मकर संक्रांति के दिन जितना हो सके अपने सामर्थ के अनुसार दान करें और किसी को अन्न-जल के लिए मना न करें। मान्यता है कि गरीबों को इस दिन कंबल और अन्न दान करने से आपके जीवन में शनि और सूर्य देव दोनों की कृपा बनी रहेगी। इस दिन गाय को अपने हाथों से गुड़ खिलाना भी बहुत शुभ माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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