Wednesday, March 26, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. त्योहार
  4. नंदी के कान में क्यों कहनी चाहिए अपनी मनोकामना? जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा

नंदी के कान में क्यों कहनी चाहिए अपनी मनोकामना? जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा

महाशिवरात्रि का पर्व आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस दिन शिवभक्त बड़े की धूमधाम से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं, फिर नंदी के कान में अपनी मनोकामना मांगते हैं।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Feb 26, 2025 11:54 IST, Updated : Feb 26, 2025 12:02 IST
महाशिवरात्रि
Image Source : FILE PHOTO महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि की धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है। सुबह से लोग शिव मंदिरों में भगवान के जलाभिषेक के लिए लाइन में लगे हुए हैं। देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों को काफी भव्य तरीके से सजाया गया है। काशी और उज्जैन में से विशेष पूजा-अर्चना की गई है। भोलेनाथ को दूल्हे की तरह सजाया गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। साथ ही भगवान शिव इसी दिन निराकार रूप से साकार रूप में प्रकट हुए थे।

माना जाता है कि भगवान शिव की विधिवत पूजा के बाद नंदी की भी पूजा की जानी चाहिए। साथ ही पूजा के दौरान उनके कानों में अपनी मनोकामना भी कहनी चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक, नंदी के कानों में मनोकामना कहने से पहले ओम कहना अनिवार्य होता है, इससे नंदी आपकी बात ध्यानपूर्वक सुनते हैं और फिर भगवान शिव को आपकी मनोकामना बताते हैं। ऐसे में आपके भी मन में कई सवाल उठे हैं कि आखिर नंदी के कान में क्यों कहते हैं? तो आइए जानते हैं इसका जवाब... 

क्या है वह पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के मुताबिक, भगवान शिव ने ही नंदी को यह वरदान दिया था, कि जो कोई तुम्हारे कान में आकर अपनी मनोकामना बोलेगा, उसकी हर इच्छा मुझ तक पहुंचेगी और वह पूरी होगी। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को अपनी इच्छा महादेव तक पहुंचानी है, तो वह नंदी जी के कान में अपनी मनोकामना कहता है।

एक अलग कथा के मुताबिक, नंदी भगवान शिव के विश्वासपात्र और सबसे करीबी सेवक है। एक बार, एक ऋषि ने नंदी से कहा कि वह भगवान शिव के समीप रहने के कारण काफी भाग्यशाली है। नंदी ने ऋषि से कहा कि वह भगवान शिव की ही कृपा से उनके समीप रहते हैं। इस पर ऋषि ने नंदी से पूछा कि वह भगवान शिव को अपनी मनोकामनाएं कैसे बताते हैं तो नंदी ने कहा कि वह भगवान शिव के कान में अपनी मनोकामनाएं नहीं बता सकता, क्योंकि वह उनके समीप रहते हैं तो उनकी हर बात सिर्फ सुनते हैं।

इस पर ऋषि ने नंदी से कहा कि वह अपनी मनोकामनाएं भगवान शिव के पास रहने वाले नंदी के कान में बता सकता हैं। इससे भगवान शिव तक वह मनोकामना पहुंच जाएगी। इस पर नंदी ने हामी भर दी तब से अपनी मनोकामनाएं नंदी के कान में कही जाती हैं।

कैसे कहें नंदी से अपनी बात

अगर किसी को नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहनी है तो उसे सबसे पहले विधि-विधान से उनका पूजन करना चाहिए। उनके पास दीपक जलाना चाहिए और उन्हें भोग लगाना चाहिए। इसके बाद ओम शब्द बोलकर अपनी मनोकामना नंदी जी के कान में कहनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप नंदी के बाएं कान में आप अपनी मनोकामना कहते हैं, तो वह जल्द महादेव तक पहुंचती है और पूरी होती है।

ये भी पढ़ें:

महाशिवरात्रि के दिन कर लें ये 9 उपाय, कुंडली के सभी ग्रह देने लगेंगे शुभ परिणाम

महाशिवरात्रि के ठीक बाद मीन राशि में लक्ष्मी-नारायण राजयोग, इन 4 राशियों को मिलेगी आर्थिक उन्नति और सफलता

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement