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Mahashivratri 2025: शिवलिंग पर कैसे करना चाहिए जलाभिषेक? जानें सही पूजा विधि

हर सोमवार भगवान शिव का जलाभिषेक होता है, साथ ही महाशिवरात्रि भी पास आ रही है। ऐसे में जातकों को यह जानना बेहद जरूरी है कि शिवलिंग पर जलाभिषेक कैसे करना चाहिए?

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Feb 17, 2025 10:53 IST, Updated : Feb 17, 2025 10:53 IST
भगवान शिव
Image Source : META AI भगवान शिव

हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन शाम को विशेष पूजा का महत्व है। माना जाता है कि भगवान शिव की रात्रि 4 पहर पूजा करने से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण होती है। ऐसे में इस अवसर आप भी भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा, व्रत और मंत्र आदि जप पर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि महादेव अन्य देवों की तुलना बहुत दयालु हैं, उन्हें महज बेलपत्र चढ़ाकर भी प्रसन्न किया जा सकता है।

क्यों होता है जलाभिषेक?

पौराणिक कथा की मानें तो जब समुद्र मंथन के दौरान हलाहल विष निकला तो उसकी ताप से संसार में सभी प्राणी को जलन होने लगी। कोई भी देव-असुर उस विष को ग्रहण करने से लिए आगे नहीं आया। इसके बाद भगवान शिव ने उसे अपने कंठ में धारण किया और संसार क रक्षा की। लेकिन उस विष को ताप भगवान शिव को भी प्रभावित करने लगा तो देवताओं ने भोलेनाथ को जल, दूध, भांग-धतुरा आदि के रस से उन्हें नहलाया। जिससे हलाहल विष का प्रभाव भगवान शिव सह सके। इसके बाद से ही भगवान शिव को जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक आदि करने की परंपरा शुरू हुई। आइए जानते हैं कि क्या है सही पूजा विधि...

क्या है पूजा विधि?

सबसे पहले सुबह स्नान आदि करें और सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इसके बाद दूध-दही,शहद, घी और गंगाजल आदि से भोलेनाथ का अभिषेक करें। याद रहे कि जलाभिषेक करते समय आपका मुंह दक्षिण दिशा में होना चाहिए। फिर शिवलिंग पर भस्म लगाएं और बेलपत्र, मोली,साबुत अक्षत, फल, पान-सुपारी अर्पित करें। फिर महादेव की आरती करें और शिवलिंग के सामने शिव गायत्री मंत्र "ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।" या फिर श‍िव नामावली मंत्र- श्री शिवाय नम:" का जप करें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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