Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि की धूम हर जगह मच रही है। यह त्योहार अब बिल्कुल निकट आ चुका है, लोग महाशिवरात्रि के पर्व को मनाने की तैयारियों में जुट चुके हैं। यह पर्व भोलेनाथ की अनुकंपा पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो लोग इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की सच्चे मन से आराधना करते हैं, उनके जीवन में भोलेनाथ कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दते हैं। साथ ही मां पार्वती की कृपा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
आप भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय अपनाते होंगे और बहुत से पूजा-पाठ भी करते होंगे। लेकिन आज हम आपको पूजा पद्धति के अनुसार यह बताएंगे कि भगवान शिव की कृपा यदि सच में पानी है तो महाशिवरात्रि पर कुछ चीजों का विशेष तौर पर दान करने से इसका फल आपको शीघ्र प्राप्त होगा और भोलेनाथ की कृपा दृष्टि आप पर सदैव बनी रहेगी। आइए पूजा पद्धित के अनुसार जानते हैं महाशिवरात्रि पर किन चीजों का दान करने से क्या लाभ मिलता है।
महाशिवरात्रि पर इन चीजों के दान से मिलेगा दोगुना फल
- जल दान- इस दिन जल अर्पित करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, शास्त्रों में जल पिलाना और उसका दान करने के सर्वाधिक महत्व है।
- कच्चे दूध का दान- महाशिवरात्रि के दिन कच्चा गाय का दूध शिवलिंग पर चढ़ाने के अनेक फल प्राप्त होते हैं। वहीं पूजा पद्धति के अनुसार इस दिन इसका दान करने से घर में समृद्धि और सुख प्राप्त होता है। साथ ही इसके दान से कुंडली में चंद्रमा भी मजबूत होता है।
- घी दान- मान्यता है कि गौ के दूध से बना शुद्ध देशी घी का दान करने से दरिद्रता दूर होती है और ज्ञान-बुद्धि की प्राप्ति भी होती है।
- काले तिल का दान- इस दिन तिल का दान करने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है, साथ ही जो लोग पितृ दोष से परेशान हैं भोलेनाथ की कृपा से वह इस दोष से भी मुक्ति पाते हैं। वहीं कुछ हद तक इस दोष का असर कम हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि महाशिवरात्रि वाले दिन तिल का दान करने से शनि दोष भी समाप्त हो जाता है, क्योंकि शनिदेव के गुरु भगवान शिव हैं।
- वस्त्र का दान- इस दिन जरूरतमंद लोगों को वस्त्र दान करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और धन-धान्य से संपन्न होने का आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि वाले दिन वस्त्र दान करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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