Mahashivratri 2024: आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और शुक्रवार का दिन है। त्रयोदशी तिथि आज रात 9 बजकर 58 मिनट तक रहेगी, उसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। यानि कि ध्यान देने वाली बात यह है कि त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल यानि संध्या का समय आज ही पड़ रहा है। अतः प्रदोष व्रत आज ही किया जाएगा। साथ ही चतुर्दशी तिथि में रात्रिकाल आज ही रहेगी और शास्त्रों में फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है। लिहाजा आज के दिन ही महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। वैसे तो प्रत्येक महीने ही मास शिवरात्रि का व्रत किया जाता है और भगवान शिव की पूजा की जाती है, लेकिन आज, यानि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन भगवान शिव की विशेष रूप से उपासना का विधान है। आज के दिन भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो चतुर्दशी तिथि 9 मार्च 2024 को कल शाम 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगी, लेकिन शिवरात्रि में रात के समय चतुर्दशी तिथि का अधिक महत्व है। क्यूंकि शिवरात्रि का अर्थ ही है शिव की रात्रि और आज के दिन चतुर्दशी तिथि पूरी रात रहेगी। अतः महाशिवरात्रि का व्रत आज ही के दिन किया जाएगा और संयोग कि बात ये है कि आज रात 12 बजकर 45 मिनट तक शिव योग रहेगा। शिव का अर्थ होता है शुभ। शिव योग में किए गए सभी मंत्र शुभफलदायक होते हैं। इस योग में यदि प्रभु का नाम लिया जाए तो सफलता मिलती है। लिहाजा महाशिवरात्रि, शिव योग और श्रवण नक्षत्र का ये संयोग बड़ा ही शुभ है। अतः श्रवण नक्षत्र और शिव योग के साथ महाशिवरात्रि का व्रत आपके लिए हर तरह से पुण्यफलदायी होगा।
आज महाशिवरात्रि व्रत के दिन भारत देश में अलग-अलग जगहों पर स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा का भी विशेष विधान है। कहते हैं आज महाशिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बिल्व पत्तियों, यानि बेल के पत्तों से शिव जी की पूजा करता है और रात के समय जागकर भगवान के मंत्रों का जप करता है, उसे भगवान शिव आनंद और मोक्ष प्रदान करते हैं और वह व्यक्ति स्वयं शिव के समान हो जाता है। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं आज महाशिवरात्रि पर रात्रि शिवलिंग पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त और किसी विधि से की जाएगी पूजा।
महाशिवरात्रि का महानिशीथ काल मुहूर्त
आज महाशिवरात्रि के दिन विशिष्ट सिद्धियों की प्राप्ति के लिए बहुत से लोग महानिशीथ काल में भगवान शिव की पूजा करने के इच्छुक होते हैं, तो उन लोगों की जानकारी के लिए बता दूं कि महानिशीथ काल आज रात 11 बजकर 47 मिनट से देर रात 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। ईशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महानिशीथकाल में आदिदेव भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए थे-
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दश्याम आदिदेवो महानिशि।
शिवलिंग तयोद्भूत: कोटि सूर्य समप्रभ:॥
चार प्रहर की पूजा विधि और मंत्र
आज के दिन महानिशीथ काल में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। एक बार फिर से आपको बता दूं कि महानिशीथ काल आज रात 11:47 से देर रात 12:37 तक रहेगा। इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसके अलावा विभिन्न शास्त्रों में महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा विधि के बारे में क्या कुछ बताया गया है। महाशिवरात्रि की पूजा विधि के बारे में तिथितत्व में बताया गया है कि आज के दिन रात्रि के प्रथम प्रहर में दूध से, दूसरे प्रहर में दही से, तीसरे प्रहर में घी से और चौथे प्रहर में मधु, यानि शहद से शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए और हर प्रहर में शिवलिंग को स्नान कराते समय अलग-अलग मंत्रों के जप की बात भी कही गयी है । प्रथम प्रहर में- ह्रीं ईशानाय नमः। दूसरे प्रहर में- ह्रीं अघोराय नमः। तीसरे प्रहर में- ह्रीं वामदेवाय नमः और चौथे प्रहर में- ह्रीं सद्योजाताय नमः। मंत्र का जप करते हुए शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए।
चार प्रहर की पूजा का मुहूर्त करें नोट
- रात के पहले प्रहर का मुहूर्त- 8 मार्च 2024 को शाम 6 बजकर 25 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट तक।
- रात के दूसरे प्रहर का मुहूर्त- 8 मार्च 2024 को रात 9 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च 2024 को देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक।
- रात के तीसरे प्रहर का मुहूर्त- 9 मार्च 2024 को देर रात 12 बजकर 31 मिनट से सुबह 3 बजकर 34 मिनट तक।
- रात के चौथे प्रहर का मुहूर्त- 9 मार्च 2024 को सुबह 3 बजकर 34 मिनट से सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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