Wednesday, November 06, 2024
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MahaShivratri 2023: शिवलिंग पर कहीं आप भी तो नहीं चढ़ाते हल्दी? जानें भोलेनाथ पर भूल से भी क्या-क्या चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए

Maha Shivratri 2023: शिवलिंग पर भूलकर भी हल्दी-कुमकुम नहीं अर्पित करें। ऐसा करने से आपको महाशिवरात्रि की पूजा से शुभ फल नहीं मिलेगा। जानिए महाशिवरात्रि की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

Written By: Vineeta Mandal
Updated on: February 17, 2023 13:38 IST
MahaShivratri 2023- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK MahaShivratri 2023

MahaShivrati 2023: हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए महापर्व शिवरात्रि का विशेष महत्व है। शिवरात्रि का पर्व मां गौरी और भगवान शिवजी का विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है। कहते हैं कि यही वो पावन दिन था जब सदियों के लिए भगवान भोलेनाथ माता गौरी के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे। इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। शिवरात्रि के दिन कई जगहों पर भव्य शिव बारात निकाली जाती है। वहीं शिव मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लगा रहता है। 

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि की पूजा का खास महत्व है। इस दिन जो भी शादीशुदा जोड़े में पूजा करता है उसका दांपत्य जीवन सदैव के लिए सुखमय हो जाता है। वहीं कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि के व्रत रखने और शिव की अराधना करने से मन की सभी कामना पूरी हो जाती है। लेकिन शिवजी की पूजा करते समय भक्तों को कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। दरअसल, ऐसी कई ऐसी चीजें है जिसे महादेव की पूजा में नहीं शामिल करना चाहिए। 

शिवलिंग पर नहीं चढ़ाएं हल्दी

किसी भी देवी-देवता की पूजा में हल्दी को जरूर रखा जाता है। लेकिन भगवान शिव की पूजा में इसे वर्जित माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक, हल्दी का संबंध स्त्रियों से होता है और शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि शिवलिंग पर कभी भी हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए। 

शिवलिंग पर तुलती अर्पित नहीं करना चाहिए 

तुलसी काफी पवित्र पौधा होता है लेकिन फिर भी शिवलिंग पर इसे नहीं चढ़ाया जाता है। इसके पीछे पौराणिक मान्यता है कि जालंधर नाम का असुर भगवान शिव के हाथों मारा गया था। जालंधर को एक वरदान मिला हुआ था कि उसे अपनी पत्नी की पवित्रता की वजह से कोई भी अपराजित नहीं कर सकता है। इसलिए जालंधर को मारने के लिए भगवान विष्णु को जालंधर की पत्नी तुलसी की पवित्रता को भंग करना पड़ा था। इसके बाद शिवजी ने जालंधर का वध कर दिया। अपने पति की मौत से नाराज तुलसी ने भगवान शिव को अपने अलौकिक और देवीय गुण वाले पत्तों से चित कर दिया। इसी कारण तुलसी का प्रयोग शिव पूजा में नहीं किया जाता है।

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भूलकर शिवजी को सिंदूर नहीं चढ़ाएं

भगवान शिव  को सिंदूर भी नहीं चढ़ाना चाहिए। दरअसल, हिंदू महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए सिंदूर लगाती हैं वहीं भगवान शिव संहारक है, इसलिए महादेव को सिंदूर की जगह चंदन से तिलक लगाना शुभकारी और फलदायी होगा।

इन फूलों को शिवजी की पूजा में नहीं करें शामिल

शिवलिंग पर या शिवजी की तस्वीर-मूर्ति पर कमल, कनेर और केतकी जैसे फूल कभी भी नहीं चढ़ाना चाहिए। इसकी जगह शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा और हरसिंगार के फूल को अर्पित करना शुभ होगा।

(डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)

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