Wednesday, January 15, 2025
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जब 111 नागा साधु 4000 अफगानी सेना पर पड़े थे भारी, उल्टे पांव भागी थी अब्दाली की फौज; पढ़ें नागाओं के पराक्रम की कहानी

महाकुंभ में चर्चा का केंद्र बने नागा साधुओं काफी पुराना इतिहास है। इस इतिहास में नागाओं के कई शौर्य गाथा का जिक्र है। इनमें से एक है जब मात्र 111 नागा साधुओं ने 4000 अफगानी सेना को खत्म कर दिया था।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jan 15, 2025 14:43 IST, Updated : Jan 15, 2025 14:43 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : INDIA TV नागा साधुओं ने धर्म की रक्षा के लिए कई लड़ाईयां लड़ी हैं।

बीते दिन महाकुंभ का पहला अमृत स्नान संपन्न हुआ। इस अमृत स्नान में सबसे पहले नागा साधुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई। फिर इसके बाद आए आमजनों ने स्नान किया। नागा साधुओं की उत्पत्ति आदि शंकराचार्य के हाथों मानी जाती है। कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने 4 मठों की जब स्थापना की तो मठों और धर्म की रक्षा के लिए ऐसी खूंखार टुकड़ी भी बनाई जो आने वाले किसी भी परिस्थिति में धर्म और मठ की रक्षा कर सके। यह कारण है नागा साधुओं को धर्म का रक्षक कहा जाता है। इनके पराक्रम की गाथाएं इतिहास के पन्नों में भी दर्ज हैं। 

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नागा साधुओं ने अनेकों बार धर्म की रक्षा के लिए कई सेनाओं को धूल चटाई है। ऐसे ही एक ऐसी कहानी जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिसमें महज 111 नागा साधुओं ने पूरी 4000 सैनिकों को मार डाला था।

111 ने चटाई 4000 सैनिकों को धूल

द नागा वॉरियर्स पुस्तक के मुताबिक, जब अहमद शाह अब्दाली की सेना ने 1757 में गोकुल पर आक्रमण किया था तो 111 नागा साधुओं ने अब्दाली की सेना को मोहतोड़ जवाब दिया था। नागा साधुओं के दो मजबूत योद्धा शंभू और अजा ने 4000 की संख्या वाली अब्दाली की सेना को हरा दिया था। इस सेना का सेनापति सरदार खान था, जो अब्दाली के आदेश पर भारत में नरसंहार और मंदिरों को ध्वस्त करने आया था। उसे यह मालूम नहीं था कि गोकुल में उस दौरान ज्यादातर नागा साधु भी एकत्रित हो रखे थे। अब्दाली का सेनापति सरदार खान जब गोकुल पहुंचा तो उसकी 4000 सैनिकों वाले सेना के सामने, भस्म लगाए 111 नग्न साधु खड़े हो गए। जिन्हें देखकर सरदार खान उपहास करने लगा।

दोपहर की भोजन तक दिया था टाइम 

इसके बाद उसने अपनी सेना को आदेश दिया कि दोपहर के भोजन से पहले नागा साधुओं को समाप्त कर दिया जाए। लेकिन जब तलवार और भालों के साथ मैदान में उतरे तो अफगान सेना ताश के पत्तों की तरह गिरने लगी। सरदार खान ने इसके बाद और सैनिकों की मदद मांगी लेकिन नागा साधुओं के सामने कोई नहीं टिक पाया। इसके बाद सरदार खान अपनी बची सेना को लेकर वापस लौट गया और सनातन के नागा साधुओं की विजय हुई।

7 बार की थी भारत पर चढ़ाई

डॉ. वी.डी.महाजन ने अपनी पुस्तक मध्यकालीन भारत में इस बात की जानकारी दी है कि कैसे नागा साधुओं ने 7 बार अब्दाली के मंसूबों को नाकामयाब किया है। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा, हिंदुस्तान पर अफगानिस्तान का वर्चस्व जमाने के लिए अहमद शाह अब्दाली ने 1748 से 1767 के बीच 7 बार चढ़ाई की थी। लेकिन, नागा साधुओं की सेना ने और उनके पराक्रम ने अब्दाली के मनसूबों को पूरा नहीं होने दिया। ये कहना गलत नहीं होगा कि लंबे समय से नागा साधु भारत और इसके धर्म की रक्षा करते आए हैं। इसीलिए नागाओं को सनातन का रक्षक भी कहा जाता है।

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