Monday, January 13, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. त्योहार
  4. Mahakumbh 2025: कड़ाके की ठंड में भी कैसे नंगे बदन रहते हैं नागा साधु? जानिए इसके पीछे का क्या है राज

Mahakumbh 2025: कड़ाके की ठंड में भी कैसे नंगे बदन रहते हैं नागा साधु? जानिए इसके पीछे का क्या है राज

Mahakumbh: महाकुंभ की शुरुआत आज से हो रही है, सुबह से ही संगम स्थान पर कड़ाके की ठंड हो रही है, लोग कई कपड़े अपने बदन पर लपेटे दिख रहे हैं ऐसे में सवाल उठता है कि कड़ाके की ठंड में भी नागा साधु कैसे नंगे बदन रह लेते हैं?

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jan 13, 2025 6:03 IST, Updated : Jan 13, 2025 6:03 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : PTI नागा साधु

Kumabh Mela 2025: आज पौष पूर्णिमा से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है, श्रद्धालु सुबह से संगम तट पर स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। सुबह से ही कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। ऐसे में लोग ठंड से बचने की कोशिश में लगे हुए हैं। वहीं, नागा साधु शरीर पर भस्म लगाए बिना कपड़ों के दिख रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस कड़ाके की ठंड से हम-आप बचने की कोशिश करते हैं, उसमें ही नागा बिना कपड़ों के कैसे रह लेते हैं?

Related Stories

कैसे हुई नागाओं की उत्पत्ति?

कहा जाता है कि शंकराचार्य ने जब 4 मठों की स्थापना की तो उन्हें फिर उन मठों के सुरक्षा की चिंता हुई। इसके बाद उन्होंने एक ऐसे टोली को बनाने का फैसला किया, जो निडर हो और सांसारिक मोह माया से दूर रहे। यही टोली नागा साधु के रूप में आस्तित्व में आई। नागा साधु बनना अपने-आप में ही काफी कठिन साधना है। नागा साधु अन्य साधुओं के विपरीत हठ योग करते हैं, इसका उदाहरण आपको महाकुंभ मेले में मिल सकता है, किसी नागा साधु ने कई सालों से सवा लाख रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं तो किसी ने कई सालों से एक हाथ ऊपर उठा रखा है।

क्यों नागा साधुओं को ठंड नहीं लगती?

नागा साधु बिना कपड़ों के रहते हैं, वे माइनस टेंपरेटचर को भी बिना माथे पर शिकन आए झेल लेते हैं जबकि मेडिकल साइंस कहता है कि -20 डिग्री सेल्सियस तापमान में कोई भी इंसान 2.30 घंटे तक मात्र जिंदा रह सकता है और अगर वह 2 परत कपड़े पहन ले तो इस टेंपरेचर में 15 घंटे तक ही जीवित रह सकता है, पर नागाओं ने मेडिकल साइंस को गलत साबित कर रखा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि नागाओं को ठंड नहीं लगने के पीछे क्या कारण है?कहते हैं कि नागा साधु अपनी साधना की ताकत से ठंड, गर्म पर जीत हासिल कर लेते हैं। वे 3 प्रकार की साधना करते हैं जो उन्हें हर मौसम में जिंदा रहने में मदद करती है।

  • पहला अग्नि साधना, जिसमें नागा अग्नि तत्व को अपने शरीर में एकत्रित कर लेते हैं, इससे शरीर गर्म रहता है।
  • दूसरा नाड़ी शोधन- नाड़ी शोधन प्राणायाम के जरिए नागा अपने शरीर में वायु का संतुलन बनाए रखते हैं, शरीर गर्म रहता है।
  • और तीसरा है कि नागा साधु मंत्रों के जाप से अपने शरीर में ऊर्जा उत्पन्न कर लेते हैं, जिससे शरीर में गर्मी पैदा होती है, उन्हें ठंडी का एहसास न के बराबर होता है।
  • इसके अलावा नागा जो भस्म अपने शरीर पर लगाते हैं वह इंसुलेटर का काम करती है। इसमें कई प्रकार के खनिज, लवण पाए जाते हैं, इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और पोटैशियम होते हैं, जो तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement