Monday, January 13, 2025
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Mahakumbh 2025: पौष पूर्णिमा से हुई महाकुंभ की शुरुआत, आज किया जा रहा है पहला स्नान

Mahakumbh 2025: महाकुंभ के पावन पर्व की शुरुआत हो चुकी है। पौष पूर्णिमा को महाकुंभ का पहला स्नान 13 जनवरी को किया जा रहा है।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jan 13, 2025 4:18 IST, Updated : Jan 13, 2025 7:06 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : INDIA TV महाकुंभ 2025

Mahakumbh 2025 Live: पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु आज त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएं। हिंदू धर्म के सबसे बड़े धर्म उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं के मन में उत्साह देखा जा रहा है। 13 जनवरी से शुरू होकर महाकुंभ का पावन पर्व 26 फरवरी तक चलेगा। माना जा रहा है कि यह महाकुंभ 144 सालों के बाद आया है और इसलिए इसे बेहद खास माना जा रहा है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) 14 जनवरी को किया जाएगा। हिंदू पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, महाकुंभ में डुबकी लगाने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।  

 

 

Live updates :महाकुंभ 2025 Live

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  • 7:06 AM (IST) Posted by Naveen Khantwal

    महाकुंभ स्नान के बाद इन चीजों का दान करना शुभ

    महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद कुछ चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। आपको अन्न, वस्त्र, धन, तिल और गुड़ का दान महाकुंभ स्नान के बाद करना चाहिए। माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से देवी-देवताओं के साथ ही पितृ भी प्रसन्न होते हैं। 

  • 6:26 AM (IST) Posted by Shailendra Tiwari

    लोगों का उमड़ा हुजूम

  • 5:58 AM (IST) Posted by Shailendra Tiwari

    संगम तट पर भक्ति में डूबे लोग

    संगम तट पर आने वाले भक्त भक्ति में लीन दिखे तो कुछ राम नाम जपते नजर आए 

  • 5:35 AM (IST) Posted by Naveen Khantwal

    महाकुंभ स्नान के नियम

    महाकुंभ में स्नान करने वाले गृहस्थ लोगों को 5 बार डुबकी अवश्य लगानी चाहिए। साथ ही डुबकी लगाने के बाद किसी प्राचीन मंदिर के दर्शन करने चाहिए और सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए। यह कार्य करने के बाद ही आपकी धार्मिक यात्रा सफल होती है। 

  • 5:03 AM (IST) Posted by Shailendra Tiwari

    तिब्बत और नेपाल में भूकंप से मारे गए लोगों के लिए की गई पूजा

    महाकुंभ में तिब्बत और नेपाल में आए भूकंप से काफी जानमाल का नुकसान हुआ, ऐसे में जान गवांने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए संगम तट पर पूजा की गई 

  • 4:56 AM (IST) Posted by Naveen Khantwal

    त्रिवेणी घाट पर सुबह से स्नान शुरू

    आज प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो रही है। महाकुंभ की आज से शुरुआत हो गयी है और पौष पूर्णिमा की पुण्य तिथि पर लोग त्रिवेणी घाट में स्नान करने पहुंच रहे हैं। 

  • 4:44 AM (IST) Posted by Naveen Khantwal

    महाकुंभ से जुड़ी पौराणिक कथा

    हिंदू धार्मिक शास्त्रों में वर्णित है कि अमृत की कामना के साथ एक बार देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया था। समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसके बाद देवताओं और असुरों के बीच अमृत कलश को लेकर 12 दिनों तक युद्ध छिड़ा था, आपको बता दें कि देवताओं के 12 दिन धरती पर 12 सालों के जितने होते हैं। देव-असुर युद्ध के दौरान प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में अमृत की बूंदें गिरी थीं। आज इन्हीं चार स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।

  • 4:23 AM (IST) Posted by Naveen Khantwal

    ज्योतिषीय गणना के अनुसार होता है महाकुंभ का आयोजन

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब बृहस्पति ग्रह वृषभ और सूर्य मकर राशि में विराजमान होते हैं तो महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। गुरु 12 साल के बाद वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं, और मकर राशि में विराजमान सूर्य पर इनकी नवम दृष्टि होती है। इस ग्रह संयोग को अत्यंत शुभ माना जाता है। 

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