महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है, जो 26 फरवरी तक चलेगा। जानकारी दे दें कि महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल पर एक बार होता है और यह देश के 4 जगहों पर ही लगता है, उज्जैन, नासिक, हरिद्वार और प्रयागराज। महाकुंभ में दूर-दराज से लोग आते हैं और आस्था की डुबकी लगाते हैं। महाकुंभ मेले में शाही स्नान का खासा महत्व माना जाता है, इस कारण और भी लोगों का जमावड़ा जुटता है। ऐसा माना जाता है कि शाही स्नान में शामिल होने से श्रद्धालुओं के पाप धुल जाते हैं और उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अगला महाकुंभ कब और कहां लगेगा....
कुंभ के भी होते हैं प्रकार
अगले महाकुंभ की जगह जानने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि कुंभ अनुष्ठान के भी कई प्रकार है, जिसमें पहला कुंभ, दूसरा अर्द्ध कुंभ तीसरा होता है पूर्ण कुंभ और चौथा होता है महाकुंभ।
- पूर्ण कुंभ मेला: यह भव्य अवसर हर 12 साल में मनाया जाता है और ये स्थान चार पवित्र स्थानों: उज्जैन, हरिद्वार, प्रयागराज और नासिक में घूमते रहते हैं।
- अर्ध कुंभ मेला: यह हर 6 साल में होता है और हरिद्वार और प्रयागराज में मनाया जाता है।
- कुंभ मेला: बता दें कि कुंभ मेला भी हर 12 साल में लगता है, जो चारों जगह यानी हरिद्वार, नाशिक, उज्जैन और प्रयागराज में आयोजित होता है।
- महाकुंभ मेला: यह मेला सभी कुंभ मेलों में सबसे दुर्लभ और सबसे महत्वपूर्ण है। यह प्रयागराज में हर 144 साल में एक बार आयोजित किया जाता है और इसे सबसे शुभ आयोजन माना जाता है।
अब आइए जानते हैं अगला कुंभ कहां-कहां लगेगा और कब-कब?
- 17 जुलाई 2027 से 17 अगस्त 2027 कुंभ मेला नाशिक
- 25 जनवरी 2030 से 13 फरवरी तक से प्रयागराज में अर्द्ध कुंभ
- 14 अप्रैल 2033 से 15 मई 2033 तक हरिद्वार में पूर्ण कुंभ
- 13 अप्रैल 2028 से 14 मई 2028 तक उज्जैन पूर्ण कुंभ
ऐसे में महाकुंभ का आयोजन 144 साल बाद प्रयागराज में ही होगा। इस बीच कुंभ, अर्द्ध कुंभ और पूर्ण कुंभ इन चारों पवित्र स्थानों पर घूमता रहेगा।