Laddu Gopal Worship Rules: भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की सेवा करने से परम आनंद और सुख की अनुभूति होती है। बाल गोपाल की सेवा करते-करते लोग उनसे इतना जुड़ जाते हैं कि एक पल के लिए फिर कान्हा को अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देते हैं। लड्डू गोपाल की देखभाल एक बच्चे की तरह करना पड़ता है। तो अगर आपने भी अपने घर में लड्डू गोपाल को स्थापित कर रखा है तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
रोजाना स्नान कराएं और नए वस्त्र पहनाएं
प्रतिदिन लड्डू गोपाल को स्नान कराएं। शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी से बाल गोपाल को स्नान कराएं। लड्डू गोपाल को नहलाने के बाद बच्चों की तरह उन्हें तैयार करें। मौसम के अनुसार लड्डू गोपाल को कपड़े पहनाएं और उनका श्रृंगार करें। हाथों में बांसुरी, सिर पर मोर मुकुट और माथे पर चंदन का तिलक जरूर लगाएं।
लड्डू गोपाल को इतनी बार भोग लगाएं
लड्डू गोपाल को दिन में चार बार भोग लगाना चाहिए। ध्यान रहे कि भोग पूरी तरह सात्विक होना चाहिए यानी कि इसमें प्याज लहसुन का इस्तेमाल भूलकर भी न करें। कान्हा को माखन मिश्री अत्यंत प्रिय है इसलिए उन्हें इसका भोग जरूर लगाएं। इसके अलावा बूंदी के लड्डू, खीर और हलवे का भी भोग लगा सकते हैं। मान्यता है कि जैसे छोटे बच्चों को बार-बार भूख लगती है, वैसे ही लड्डू गोपाल को भी भूख लगती है, इसलिए उन्हें समय-समय पर भोजन कराते रहना चाहिए।
रोजाना करें पूजा
लड्डू गोपाल की नियमित रूप से पूजा करें। कान्हा जी की आरती जरूर करें। आरती के बाद लड्डू गोपाल को अपने हाथों से भोग लगाएं। इसके बाद लोरी गाते हुए झूला झुलाएं। झूले पर लगे पर्दे बंद करना न भूलें। रात को बाल गोपाल को लोरी सुनाकर सुलाएं और कान्हा के सोने के बाद ही खुद सोने जाएं।
लड्डू गोपाल को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए
लड्डू गोपाल को कभी भी घर में अकेला न छोड़ें। अगर आप कहीं लंबे समय के लिए जा रहे हैं तो उन्हें साथ ले जाएं। अगर संभव न हो तो घर की चाबी और लड्डू गोपाल की जिम्मेदारी किसी पड़ोसी या रिश्तेदार को दे दें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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