कल रात 10 बजकर 15 मिनट तक कृत्तिका नक्षत्र रहेगा। आकाशमंडल में कुल 27 नक्षत्र स्थित हैं, जिनमें से कृतिका तीसरा नक्षत्र है। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। कृतिका नक्षत्र के जातक बड़े ही बुद्धिमान, तेजस्वी, ईमानदार, प्रेमी स्वभाव वाले, दयालु और प्रभावशाली होते हैं। ये लोग रचनात्मक कार्यों में रुचि रखते हैं और किसी भी कार्य की जड़ तक पहुँचने के लिए तत्पर रहते हैं। कृतिका का अर्थ होता है - कार्य करना। इसका पहला चरण मेष राशि में, जबकि बाकी तीन चरण वृष राशि में आते हैं। अतः मेष और वृष, दोनों राशियों पर कृतिका नक्षत्र का प्रभाव रहता है। कृतिका नक्षत्र के स्वामी भी सूर्यदेव हैं, जो कि व्यक्ति के अंदर विवेक को जागृत करते हैं और उसके मनोबल को बढ़ाते हैं| इस नक्षत्र का संबंध गूलर के पेड़ से है। तो जिन लोगों का जन्म कृतिका नक्षत्र में हुआ हो, उन लोगों को आज के दिन गूलर के पेड़ की उपासना करनी चाहिए।
पढ़ने लिखने में होते हैं होशियार
कृतिका नक्षत्र का कुछ अंश मेष और शेष वृषभ राशि में आता है। अर्थात इस नक्षत्र के पहले चरण में जन्मे लोगों की राशि मेष होती है, जिसके स्वामी मंगल हैं और शेष तीन चरणों में जन्म लेने वालों की राशि वृषभ होती है, जिसके स्वामी शुक्र हैं। इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति के अंदर विवेक को जागृत करते हैं और उसके मनोबल को बढ़ाते हैं। बचपन से ही पढ़ने-लिखने में अधिक रुचि होती है।
काम के लेकर भरोसेमंद
कृतिका नक्षत्र के लोगों में आत्मसम्मान का ज्यादा भाव होता है और इनको जल्दी किसी पर भरोसा नहीं होता। साथ ही इनको खाने-पीने का काफी शौक होता है और इनका रूझान रचनात्मक कार्यों जैसे गायन, नृत्यकला, सिनेमा आदि के प्रति अधिक रहता है।